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टीसी व अटेंडर की लापरवाही से हर दिन परेशान हो रहे यात्री, लगानी पड़ती है प्लेटफॉर्म पर दौड़

एसी कोच रहते हैं बंद, स्टेशन आने के बाद भी अटेंडर नहीं खोलते हैं गेट

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Passengers are getting troubled every day due to negligence of TC and attendant, have to run to the platform.

कोच का गेट बंद होने से परेशान होते यात्री

बीना. रेलवे में कर्मचारियों के सही ढंग से काम नहीं करने के कारण यात्रियों को परेशानी होती है। ऐसे ही कई मामले हर दिन सामने आते हैं, लेकिन इसके बाद भी व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया जा रहा है, ऐसी परेशानी हर दिन यात्री झेलते हैं। एसी कोच में ड्यूटी करने वाले कोच अटेंडर स्टेशन आने के बाद भी गेट नहीं खोलते हैं, जिससे यात्रियों को भागकर दूसरे कोच से ट्रेन में सवार होना पड़ता है। इस दौरान यात्रियों को टे्रन छूटने का भी डर रहता है, तो कई बार जल्दबाजी में यात्री दुर्घटना का शिकार भी हो जाते है।
दरसअल रेलवे स्टेशन पर एसी कोच के स्टेशन आने के बाद भी गेट नहीं खोलने के मामले हर दिन सामने आते हैं। यह समस्या लगभग हर दिन यहां पर बनती है, फिर भी जिम्मेदार अधिकारी इसपर ध्यान नहीं देते हैं, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पत्रिका टीम ने रविवार व सोमवार को स्टेशन जाकर एसी कोच के बाहर व्यवस्थाओं को देखा, तो यह बात सामने आई है कि एसी कोच बंद रहते हैं, जिन्हें खोलने का काम ऑन ड्यूटी टीटीइ का रहता, लेकिन कोच की संख्या ज्यादा होने पर उनकी मदद के लिए कोच अटेंडर को यह काम करना होता है, लेकिन उन्होंने भी गेट नहीं खोला। बीना से यात्रा करने के लिए गए एक परिवार को सोमवार को परेशान होना पड़ा। यहां कुछ यात्री जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, वह भागकर पहले आगे गईं और दूसरे कोच से टे्रन के अंदर प्रवेश कर सके। इसके बाद वह वापस अपने कोच तक पहुंचे। इनके अलावा भी कई अन्य यात्री परेशान होते रहे। यह स्थिति यहां पर हर दिन बनती है।

सबसे ज्यादा परेशानी महिला व बुजुर्ग व मरीजों को
सबसे ज्यादा परेशानी महिला, बुजुर्ग व मरीजों के लिए होती है, जो कि कोच बंद होने की स्थिति में दूसरे कोच में सवार होने के लिए परेशान होते रहते हैं। यहां पर कई बार यात्रियों में भगदड़ की भी स्थिति बनती है। इसके बाद भी व्यवस्थाओं को सुधारने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

फैक्ट फाइल
एसी कोच वाली ट्रेन - 100
इनसे यात्रा करने वाले यात्री - 1000