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समितियों पर खरीदी गई घटिया मूंग, रुक गया 483 किसानों का भुगतान, लगा रहे चक्कर

खरीदी के समय नहीं दिया अधिकारियों ने ध्यान, अब जमा हुई मूंग की सफाई करने के दिए निर्देश, इसके बाद होगी जांच

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Substandard moong purchased on committees

फाइल फोटो

बीना. समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी में शुरू से ही अनियमितताएं बरती जा रही हैं और पत्रिका ने इस संबंध में खबरों का प्रकाशन किया था, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया, जिससे घटिया मूंग की खरीदी कर ली गई है। जांच में मूंग खराब पाई जाने के कारण भुगतान रोक दिया गया है।
ब्लॉक में कंजिया, पिपरासर और बीना इटावा समिति मूंग की खरीदी कर रही है। समितियों ने खरीदी के समय गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया और वेयरहाउस में जमा कर दी गई है। अब अधिकारियों ने जांच की, तो हकीकत सामने आ गई और भुगतान रोक दिया है। मार्कफेड के अधिकारियों ने वेयरहाउस में जमा मूंग की जांच की, तो पिपरासर समिति की दस बोरियों में से सात में गुणवत्ता ठीक नहीं मिली। पिपरासर समिति ने 180 किसानों से 3 हजार 499 क्विंटल मूंग खरीदी हैं और वेयरहाउस में तीन जगह स्टैक लगाए हैं, उसमें दो में मूंग बहुत खराब मिली है। अधिकारियों ने समिति को ग्रेडिंग करने के लिए कहा है और फिर सैम्पल लिए जाएंगे। इसके बाद भुगतान होगा। बीना इटावा समिति ने मंडीबामोरा क्षेत्र में 146 किसान से 2 हजार 623 क्विंटल मूंग खरीदी है, जहां गुणवत्ता थोड़ी ठीक मिली है। अभी क्षेत्र के कुल 483 किसानों का भुगतान रोक दिया गया है।

कंजिया समिति ने ढंक दिया स्टैक
कंजिया समिति ने 157 किसानों से 4 हजार 258 क्विंटल मूंग खरीदी है, जो वेयरहाउस में जमा कर दी है। मूंग की जांच करने के लिए अधिकारी पहुंचे थे, लेकिन दवा डालकर बरसाती ढंक देने से जांच नहीं हो पाई है।

दो दिन बाद आ सकती है जांच टीम
भोपाल की टीम को भी दो दिन बाद जांच के लिए आना और टीम यहां हुई गड़बड़ियां देखेगी। टीम गुणवत्ता सहित अन्य बिन्दुओं पर जांच की रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बिचौलियों ने बेची मूंग
जानकारी के अनुसार कृषि उपज मंडी में कुछ लोगों टैक्स चोरी कर सीधे किसानों से मूंग खरीदी और किसानों के नाम पर केन्द्रों पर बेची गई है। किसानों के पंजीयन पर मूंग बेचने से इन्हें पकड़ा नहीं जा रहा है।

रोक दिया गया है भुगतान
केन्द्रों पर मूंग की खरीदी में अनियमितताएं बरती गई हैं, जिसकी जांच की जा रही है। साथ ही जहां गुणवत्ताहीन मूंग मिली है, उसकी ग्रेडिंग कराने के निर्देश दिए हैं। ग्रेडिंग होने के बाद सैम्पल की जांच होगी, फिर भुगतान किया जाएगा।
राखी रघुवंशी, जेएम, मार्कफेड