बीना. 16 जून से स्कूल खुल गए हैं और फिर सड़कों पर विद्यार्थियों को आने-जाने के लिए वाहन शुरू हो गए हैं। इनमें कई वाहन ऐसे हैं, जो बिना फिटनेस सहित अन्य कमियों के साथ सडक़ों पर दौड़ेंगे। इनकी समय-समय पर जांच भी नहीं जाती है।
लोग दूसरे शहरों से स्कूल बस सहित अन्य वाहन लेकर आ रहे हैं, जो कई वर्ष पुराने हैं। इनकी फिटनेस का भी पता नहीं है। खटारा बसों में बच्चों को बैठाया जाता है। साथ ही अधिकांश बसों में सीसीटीवी कैमरा, स्पीड गवर्नर तक नहीं लगाए गए हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि पिछले वर्षों में ऐसे वाहनों के कारण हादसे भी हो चुके हैं। यदि इनकी सही तरीके से जांच की जाए, तो कई बसें सडक़ पर चलने लायक नहीं निकलेंगी।
वैन, ऑटो भी लगे हैं स्कूल में
बसों के साथ-साथ वैन, ऑटो सहित छोटे वाहन भी स्कूलों में लगे हुए हैं। कई वैन ऐसी भी हैं, जो गैस से चल रही हैं और ऑटो में क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाया जाता है, जिससे हमेशा खतरा बना रहता है। अभिभावक मजबूरी में इन वाहनों से बच्चों को भेजते हैं।
करेंगे कार्रवाई
इस संबंध में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी मनोज कुमार तेहनगुरिया ने बताया कि स्कूल वाहनों की जांच अभियान चलाकर की जाएगी और कमी पाए जाने पर कार्रवाई करेंगे।
Published on:
16 Jun 2025 11:55 am