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बीना. माध्यमिक और प्राथमिक स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाने वाले स्व-सहायता समूहों के लिए तीन माह से राशि नहीं आई है, जिससे उन्हें भोजन बनाने में भी परेशानी आ रही है। बार-बार वह अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
बच्चों को पोषण आहार उपलब्ध कराने के लिए कक्षा 1 से 8 वीं तक के बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन की व्यवस्था की गई है और इसके लिए महिला स्व-सहायता समूह नियुक्त किए गए हैं, जिन्हें हर माह राशि दी जाती है, लेकिन पिछले तीन माह से इन्हें राशि नहीं मिल पाई है। राशि न आने पर समूहों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराना मुश्किल हो रहा है। गेहूं, चावल तो सहकारी दुकान से मिल जाते हैं, लेकिन सब्जी, दाल, तेल, मसाला खरीदने के लिए समूह के सदस्यों को ही रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। राशि न आने की शिकायत समूह संचालक बार-बार अधिकारियों से कर रहे हैं, लेकिन अभी तक समस्या हल नहीं हुई है। एक समूह संचालक ने बताया कि राशि न आने से रसोईयों को उनकी मजदूरी नहीं मिल पा रही है और सामग्री भी स्वयं ही खरीदनी पड़ रही है। पिछले तीन माह से यह स्थिति बनी हुई है।
गुणवत्तापूर्ण नहीं मिल पाएगा भोजन
समूहों को राशि न मिलने पर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन नहीं मिल पाएगा। जबकि गुणवत्ता को लेकर अधिकारी लगातार निर्देश दे रहे हैं, लेकिन राशि नहीं दी जा रही है।
वरिष्ठ अधिकारियों को दी है सूचना
पिछले तीन माह से राशि नहीं आई है, लेकिन मध्याह्न भोजन प्रभावित नहीं हो रहा है। इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई है।
महेन्द्र सिंह, बीआरसीसी, बीना
Published on:
24 Jan 2025 12:18 pm
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