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संत के सान्निध्य से श्री हनुमान ने किए थे असंभव कार्य

आध्यात्मिक सत्संग व विवेकानंद के जीवन को चरितार्थ करती प्रेरणादायक एक संक्षिप्त नाटिका की प्रस्तुति दी गई

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Shri Hanuman had done impossible tasks with the presence of the saint.

सत्संग को संबोधित करते हुईं साध्वी

बीना. सर्वोदय भवन में रविवार को दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान दिल्ली शाखा व युवा परिवार समिति भोपाल के सान्निध्य में नाटिका मंचन व आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में साध्वी कादंबरी भारती ने बताया कि हनुमान जी ऋषि श्राप के कारण अपनी सभी शक्तियों को भूल गए थे। जब उनके जीवन में संत का सान्निध्य हुआ तब श्री हनुमान जी ने सभी असंभव कार्य सहजता के साथ किए। उन्होंने कहा कि महर्षि अरविंद को छोटी सी काल कोठरी में रखा गया, वहां भी उन्होंने एक क्रांति की मशाल जलाई और देश को आजाद करने में अहम भूमिका निभाई, जो आज एक उदाहरण है। उन्होंने बताया कि सुकरात को जहर पिलाया गया पर उन्होंने सत्य का प्रचार करना बंद नहीं किया और अपने शिष्यों को उपदेश देते रहे। साध्वी राखी भारती ने कहा कि मनुष्य अपने जीवन में सांस की कीमत ही नहीं जानता है। युवाओं से कहा कि जो कांटों पर चलकर रास्ता बना लेता है, वह युवा होता है, युवा का उल्टा वायु होता और वायु हर परिस्थिति को झुका देता है। ऐसा ही जीवन युवा का होना चाहिए। अंगद भी एक युवाथे पर रावण की सभा में कोई उनका पैर नहीं हिला पाया था। अंत में युवा परिवार सेवा समिति ने स्वामी विवेकानंद के जीवन को चरितार्थ करती प्रेरणादायक एक संक्षिप्त नाटिका की प्रस्तुति दी गई, जो मनमोहक रही। कार्यक्रम में शिवानी, अनुष्का, प्रमोद अस्थाना, दीपेश कुशवाहा ने संगीतमय भजनों की प्रस्तुति दी।