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कर कटौती अच्छी बात हो सकती है, लेकिन वेतन नहीं है तो क्या औचित्य, इसके लिए नौकरियों की है जरूरत

पक्ष ने बजट को सराहा, विपक्ष ने नकारा, बजट पर लोगों की प्रतिक्रियाएं

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Tax cuts may be a good thing, but if there are no salaries then what is the point, jobs are needed for this.

फाइल फोटो

बीना. वित्त मंत्री ने शनिवार को बजट पेश किया, जिसमें कर में राहत दी गई है और कुछ चीजों को सस्ता किया है। बजट को लेकर पक्ष, विपक्ष, किसान आदि ने अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं।

बेरोजगारी का कोई जिक्र नहीं
बजट के दौरान बेंचों से जो तालियां सुनीं, वह मध्यम वर्ग के कर कटौती के लिए थीं। यह एक अच्छी बात हो सकती है, लेकिन महत्वपूर्ण सवाल यह है कि यदि हमारे पास वेतन नहीं है तो क्या होगा? आय कहां से होगी? आयकर राहत से लाभ उठाने के लिए नौकरियों की आवश्यकता है। वित्त मंत्री ने बेरोजगारी का उल्लेख नहीं किया है, पिछले बजट में करोड़ों युवा बेरोजगारों को रोजगार देने की बात कही थी, वह कहां है।
प्रभुसिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री, कांग्रेस

कर्ज मुक्त करने का होना था प्रावधान
बजट में किसानों को कर्ज मुक्त करने का प्रावधान होना था, लेकिन सरकार ने दोबारा से कर्ज बढ़ाने प्रावधान किया है। किसानों को कर्ज के जाल में फंसा कर किसान की जमीन कॉर्पोरेट को सौंपने की साजिश है। सरकार ने पुराने बजट को नए सिरे से कॉर्पोरेट के हवाले किया है।
सीताराम ठाकुर, संभागीय अध्यक्ष, भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन

सशक्त, समृद्ध, विकसित भारत का बजट
यह बजट सशक्त, समृद्ध व विकसित भारत के संकल्प को साकार करने वाला है। बजट में गरीब, किसान, मध्यम वर्ग, महिलाओं, स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों के हितों को समाहित किया गया है, जो आत्मनिर्भर भारत का रोडमैप है। 12 लाख तक की सालाना आय को टैक्स फ्री करना बड़ा कदम है।
लता सकवार, अध्यक्ष, नगर पालिका बीना

मध्यम वर्ग को राहत
वित्त मंत्री ने मध्यम वर्ग को राहत देते हुए नए टैक्स रिजीम के तहत १२ लाख सलाना आय को आयकर के दायरे से बाहर रखा है। यह सरकार का अच्छा कदम है, इससे करोड़ों लोगों को लाभ होगा।
सुरेन्द्र कुमार सोनी, टैक्स अधिवक्ता, बीना