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सीएमओ ने कहा जलकर नहीं बढ़ा तो नहीं आएंगे ग्रांट के पांच करोड़ रुपए, तो परिषद ने कहा नहीं चाहिए ग्रांट, जनता पर बढ़ेगा बोझ

नगर पालिका परिषद बीना की बैठक हुई आयोजित, एजेंडा में शामिल पांच प्रस्तावों पर हुई चर्चा, तीन पर बनी सहमति

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The meeting of Nagar Palika Parishad Bina was held

बैठक के दौरान चर्चा करते हुए पार्षद

बीना. नगर पालिका परिषद की बैठक का आयोजन शुक्रवार की दोपहर सभाकक्ष में नपाध्यक्ष लता सकवार की अध्यक्षता में हुआ। बैठक के एजेंडा में पांच प्रस्ताव रखे गए थे, जिसमें तीन प्रस्तावों पर परिषद ने सहमति दी।
जलकर सहित अन्य शुल्कों में वृद्धि के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जलकर, सफाई कर बढ़ाने का परिषद ने विरोध किया। अध्यक्ष ने कहा कि जो परिषद की सहमति होगी वही निर्णय लिया जाएगा। जिसपर सीएमओ राहुल कुमार कौरव ने बताया कि भारत सरकार से हर वर्ष जो पांच करोड़ रुपए की ग्रांट आती है वह परफॉर्मेंस पर निर्भर रहती है। डिमांड बढ़ाने के लिए संपत्ति, जलकर महंगाई के अनुसार बढ़ाना जरूरी होता है। हर वर्ष 13 प्रतिशत ग्रोथ होना चाहिए, तभी ग्रांट मिलेगी। ग्रांट के पांच करोड़ रुपए में आधी राशि पेय जल, स्वच्छता और आधी अधोसंरचना पर खर्च होती है। पिछले वर्ष भी यह राशि नगर पालिका को न मिलने पर विकास कार्यों में पिछड़े हैं। इसपर उपाध्यक्ष रमाकांत बिलगैंया ने कहा हर साल कर क्यों बढ़ाया जा रहा है, इसके लिए एक बार तय किया जाए कि कितने वर्षों में कितना कर बढ़ेगा। नेता प्रतिपक्ष प्रशांत राय ने कहा कि जलकर, सफाई कर तब बढ़ाया जाए जब इन कार्यों से जनता संतुष्ठ हो। पार्षद अजय ठाकुर ने कहा कि जलकर बढ़ाना जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ाना है, अभी जितना कर लिया जा रहा है सही है। पार्षद भारती राय ने कहा कि शहर की जनता आय का साधन नहीं है, यदि ग्रांट मिलने से ही विकास होता है, तो तीन साल में क्यों नहीं हुआ। पार्षद राजकुमारी ठाकुर ने कहा कि सौंदर्यीकरण जरूरी नहीं है और इसके लिए कर वृद्धि न की जाए। मारुती मंदिर के सामने पार्किंग के प्रस्ताव पर जगह कम होने के कारण सहमति नहीं दी। गांधी प्रतिमा बदलने के प्रस्ताव पर सिर्फ मरम्मत कराने पर परिषद ने सहमति दी। उपाध्यक्ष ने कहा रानी अवंतिका बाई की मूर्ति बदलने में भी घोटाला हुआ था, जिसपर विपक्ष ने कहा कि क्या घोटाला हुआ है सभी को बताएं। जिसपर उन्होंने कहा कि नगर पालिका ने घोटाला नहीं किया था। इसके साथ ही इंप्रूबमेंट एंड अपग्रेडेशन वर्क ऑफ ब्लैक स्पॉट एट बेरियस एट के कार्य के लिए प्राप्त निविदा में न्यूनतम दरों की स्वीकृति के प्रस्ताव को पारित किया गया। बैठक में पार्षद मधुलिका यादव, अनुराधा यादव, नीतू राय, पूनम ठाकुर, प्रतिमा सिंह, शशि तिवारी, मीना चौबे, रश्मि कुशवाहा, जितेन्द्र बोहरे, विजय लखेरा, अतीक खान उपस्थित थे।

तीन वर्ष में क्यों नहीं बन पाया सुलभ कांप्लेक्स
पुलिस थाने के पीछे सुलभ कांप्लेक्स बनाने के प्रस्ताव पर परिषद ने समिति बनाकर पहले जगह चिंहित करने की बात कही। पार्षद सौरभ कैथोरिया ने कहा कि तीन साल से सुपर मार्केट में सुलभ कांप्लेक्स अधूरा पड़ा है, उसका कार्य कब पूरा होगा। जिसपर सीएमओ ने कहा टेंडर होने वाला है जल्द काम शुरू हो जाएगा। पार्षद प्रकाश बजाज ने कहा कि कच्चा रोड पर बनने वाले दो गेटों का क्या हुआ, जिसपर सीएमओ ने कहा इसकी जानकारी ली जाएगी।

वार्डों के अतिक्रमण और विकास पर भी दें ध्यान
शहर के मुख्य मार्गों पर चल रही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की परिषद ने सराहना की। नेता प्रतिपक्ष ने गांधी चौराहे पर भी कुछ दुकानों का सामान फैला रहता है उसे हटाने की बात कही। गांधी वार्ड पार्षद ने वार्डों के अंदर फैले अतिक्रमण सहित विकास कार्यों पर ध्यान देने के लिए कहा। गांधी वार्ड में काम नहीं हो रहे हैं, सिर्फ कुछ वार्डों में ही कार्य कराए जाने का अरोप लगाया।

पार्षदों से चर्चा किए बिना ही थोप रहे एजेंडा
पार्षद गौरीशंकर राय ने कहा कि एजेंडा में जो बिन्दु शामिल किए गए हैं, उसके संबंध में किसी पार्षद से नहीं पूछा गया। हर बार पार्षदों पर एजेंडा थोप दिया जाता है। जब पूछना ही नहीं है, तो पार्षद बनने का औचित्य ही क्या है। उन्होंने अन्य पार्षदों से भी कहा कि वार्डवासियों की गालियां सुनना है, तो ऐसे ही एजेंडा बनवाते रहो। इस संबंध में सीएमओ ने कहा कि पार्षद अपने प्रस्ताव रख सकते हैं, उसे एजेंडा में शामिल किया जाएगा।

किराएदारों का कराया जाए सर्वे
पार्षद बीडी रजक ने कहा कि शहर में किराए से बड़ी संख्या में लोग रह रहे हैं और मकानों का व्यावसायिक उपयोग हो रहा है, उनसे कर वसूला जाए। साथ ही रिफाइनरी से सीएसआर राशि लेकर शहर का विकास कराया जाए। राशि न मिलने पर उनके वाहनों को शहर में प्रवेश न दिया जाए। सीएमओ ने इस प्रस्ताव को एजेंडा में शामिल करने की बात कही। पार्षद ने वार्डों में जल्द खंभे लगाने का कार्य शुरू करने, गांधी चौराहे पर अतिरिक्त डिवाइडर तोडऩे की बात रखी।

इन करों व शुल्कों में हुई वृद्धि
व्यावसायिक जलकर 580 रुपए माह से बढ़ाकर 1000 रुपए, नल कनेक्शन काटने व जोडऩे के 250 से 500 रुपए, घरेलु पानी टैंकर 400 रुपए, व्यावसायिक पानी टैंकर 700 रुपए, फौती 500 रुपए, नामांतरण शुल्क संपत्ति की कीमत पांच लाख रुपए तक होने पर 1000 रुपए, 5 से 10 लाख रुपए तक 2000 रुपए और दस लाख से ज्यादा होने पर 3000 रुपए और प्रकाशन शुल्क 300 रुपए तय किए गए हैं। विकास शुल्क 200 रुपए प्रति वर्गमीटर, अनापत्ति प्रमाण-पत्र 300 रुपए, विवाह पंजीयन शुल्क 100 रुपए किए हैं।