बीना. कृषि उपज मंडी में अधिकारी, कर्मचारियों की लापरवाही का लाभ व्यापारी उठाते हैं और मंडी को मिलने वाला टैक्स चोरी कर लेते हैं। बारिश होने के बाद अब किसान मंडी से खरीफ फसल की बोवनी के लिए बीज खरीद रहे हैं और यह बीज पक्के बिल की जगह पर्ची पर बाहर निकालते हैं।
व्यापारी कोई भी अनाज बीज के नाम पर मंडी से नहीं बेच सकते हैं, लेकिन इसे व्यापारी दूसरे तरीके से बेचते हैं। जो सोयाबीन या उड़द बीज के लिए बेचा जाता है उसकी पहले सफाई कराई जाती है और फिर इसे किसानों को बेच देते हैं। यह अनाज बाहर निकलता है तो पक्का बिल देना पड़ता है, जिसपर मंडी टैक्स लिया जाता है। खरीफ फसल की बोवनी के लिए सोयाबीन, उड़द किसानों को बेचा जाने लगा है। जिन किसानों को व्यापारी सोयाबीन बेचते हैं, उन्हें पक्का बिल देने की जगह एक पर्ची बनाकर देते हैं जो गेट पर जमा कर दी जाती है। जबकि नियमानुसार पक्का बिल ही व्यापारी को देना चाहिए। क्योंकि बाद में बिल बनाते समय पर्चियां कम दिखाकर कम मात्रा के अनाज का बिल बनाया जा सकता है, जिससे व्यापारी को टैक्स कम देना पड़ेगा, इसमें कुछ कर्मचारियों की भी मिलीभगत होती है, जिससे वह इस ओर ध्यान नहीं देते हैं।
बीज ही ले जाते हैं किसान
मंडी से किसान सोयाबीन या उड़द की खरीदी बीज के लिए ही करते हैं और इसका कोई उपयोग नहीं है। मंडी के अंदर से बीज बेचने का नियम नहीं है, लेकिन फिर भी व्यापारी अनाज के नाम पर इसे बेच देते हैं।
करेंगे कार्रवाई
यदि मंडी से कोई भी उपज बाहर जाती है, तो उसमें पक्का बिल ही लगता है। यदि पक्के बिल की जगह पर्ची दी जाएगी, तो कार्रवाई करेंगे। मंडी के अंदर से बीज के नाम पर सोयाबीन व उड़द नहीं बेचा जा सकता है।
कमलेश सोनकर, सचिव कृषि उपज मंडी, बीना
Published on:
25 Jun 2025 11:46 am