
Uniform could not be distributed, children reaching school on colorful clothes
बीना. नया शैक्षणिक सत्र शुरू हुए तीन माह बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक शासकीय स्कूलों में विद्यार्थियों को गणवेश का वितरण नहीं हो पाया है और बच्चे पुरानी गणवेश या फिर रंग-बिरंगे कपड़ों में स्कूल पहुंच रहे हैं। शिक्षा विभाग को आदेश का इंतजार है। पहले शैक्षणिक सत्र शुरू होने के कुछ दिन बाद ही विद्यार्थियों को गणवेश मिल जाती थी, लेकिन कुछ वर्षों से गणवेश के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। पिछले वर्ष भी आधा शिक्षा सत्र बीत जाने के बाद गणवेश मिली थी और इस वर्ष भी तीन माह बीत चुके हैं। जिन बच्चों के पास पुरानी गणवेश है वह उसका उपयोग कर रहे हैं, तो अधिकांश बच्चे रंग-बिरंगे कपड़ों में ही स्कूल पहुंच रहे हैं। ब्लॉक के हजारों बच्चों को इंतजार है। पूर्व में गणवेश की राशि सीधे खातों में डाली जाती थी और अभिभावक स्वयं खरीदी करते थे, लेकिन अब स्व-सहायता समूहों से गणवेश तैयार कराई जाती है, जिससे हर बार लेटलतीफी होती है। आदेश आने के बाद समूहों को गणवेश तैयार करने में समय लगेगा। अभिभावकों का कहना कि सरकारी स्कूलों में सभी सुविधा मुहैया कराने की बात कही जाती है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। सत्र शुरू होने के कुछ दिन बाद ही बच्चों को गणवेश मिलनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
साइकिल का भी इंतजार
कोरोना काल से विद्यार्थियों को मिलने वाली साइकिलों का भी इंतजार है, जो विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं, उन्हें परेशान होना पड़ रहा है। साइकिल विद्यार्थियों को कब मिलेंगी, यह भी अधिकारी नहीं बता पा रहे हैं। कक्षा छठवीं और नवमीं के विद्यार्थियों को साइकिल का वितरण किया जाता है। साइकिल के अभाव में कई विद्यार्थियों को पैदल भी आना पड़ता है।
Published on:
25 Sept 2022 09:04 pm
बड़ी खबरें
View Allसागर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
