हम सबको अपने अवगुण देखना चाहिए और दूसरों के गुण-जोशी
अमृत परिवार विमर्श कार्यक्रम हुआ आयोजित
कार्यक्रम में उपस्थित लोग
बीना. विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा के तत्वावधान में विवेकानंद केन्द्र समर्पण सेवा प्रकल्प हिरनछिपा में गीता जयंती के अवसर पर गुरुवार को अमृत परिवार विमर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राजस्थान के प्रांत प्रचारक व क्षेत्रीय बौद्धिक प्रमुख नंदलाल थे। उन्होंने अपने मार्गदर्शन में कहा कि हम सबको अपने अवगुण देखना चाहिए और दूसरों के सदैव गुण देखना चाहिए। अपने माता-पिता, गुरुजनों का सम्मान करना चाहिए तथा धरती माता का वंदन करना चाहिए। स्वामी विवेकानंद ने भी अपने व्यवहार से यही सिद्ध किया है। पशु पक्षी हमेशा अपनी मर्यादा का पालन करते हैं, इसलिए संतुष्ट रहते हैं, लेकिन मनुष्य ज्ञानवान है फिर भी मर्यादा के बंधन का पालन कठिनाई से करता है। मर्यादा का उल्लंघन करने पर मनुष्य रावण के समान असुर बनता है और मर्यादा का पालन करने पर राम बनता है। मनुष्य का व्यक्तित्व निखारने के लिए विभिन्न प्रकार के संस्कारों की गंगा में नहाना होता है। युवा होने पर अपने वृद्ध माता-पिता का सहारा बनना है। साथ ही अपनी संतान को भी अच्छे संस्कार देने का दायित्व रहता है। स्नेह, प्रेम, आदर और सम्मान करने पर ही परिवार समाज में संस्कारित कहलाता है। परिवार संस्कारित होने से समाज आदर्श बनता है। ऐसे चार से पांच संस्कारित परिवार मिलकर एक संकुल बनाएं और एक दूसरे के साथ सात्विक विचारों एवं व्यवहार का पालन करें और ईश्वरीय चेतना का जागरण प्रत्येक सदस्य में करें। यह अवधारणा हमारी देश के समाज को सशक्त बनाएगी। भारत माता को जगतगुरु के पद पर पुन: प्रतिष्ठित करने के लिए हमारे परिवारों एवं समाज को समृद्ध करना ही होगा। प्रत्येक परिवार को अमृत परिवार के मुख्य लक्षण, अमृत प्रभात, अमृत शयन, अमृत भोजन, अमृत संवाद और अमृत विहार का पालन अवश्य करना चाहिए। कार्यक्रम में बीना नगर सहित आसपास के क्षेत्र से लोग शामिल हुए।
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