
निर्यापक मुनि सुधा सागर महाराज
निर्यापक मुनि सुधा सागर महाराज ने कटरा जैन मंदिर फर्श पर आयोजित धर्म सभा में ये बात कही
सागर. देश में हर प्रांत की भोजन की थाली अलग-अलग है। मंदिरों में पूजा-पाठ और अभिषेक की विधि अलग-अलग है, लेकिन बुंदेलखंड के किसी भी मंदिर में चले जाएं, मंदिर होंगे, पूजन की थाली और अभिषेक का लोटा एक होगा। इसी अखंडता को देखकर गुरुदेव बुंदेलखंड में जम गए थे। यह बात निर्यापक मुनि सुधा सागर महाराज ने कटरा जैन मंदिर फर्श पर आयोजित धर्म सभा में कही। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड के जैन मंदिरों में महिलाओं को अभिषेक करने न मिला है, न मिलेगा। इस बात का ध्यान रखना है। उन्होंने कहा कि जहां पंडित ज्यादा हों, वहां अंधेरा रहता है। वह धर्म को जानता है धर्मात्मा को नहीं जानता है। उजाला धर्म से नहीं धर्मात्मा से होता है। वह पत्थर कितना भाग्यवान है जो भगवान श्रीराम के हाथ में आया है, लेकिन इसका कितना दुर्भाग्य है, भगवान के हाथ से छूटेगा वो डूबेगा। इसको डूबना नहीं चाहिए। उन्होंने हर पत्थर के हृदय पर राम का नाम लिखा है और वह पत्थर राम के भक्त हनुमान समुद्र में फेंक रहे थे, तो डूब नहीं रहा था। यह चमत्कार भगवान में नहीं भक्त में है, इसलिए पत्थर तैर रहा है। मुनि ने कहा कि हम चमत्कार के पीछे दौड़ते हैं, लेकिन चमत्कार तुम्हारे कण-कण में है। मुनि ने कहा कि विश्वास हमें डॉक्टर पर है दवाई पर नहीं। डॉक्टर यदि हमें जहर भी देगा तो हम खा लेंगे कि अब ठीक हो जाएंगे, लेकिन जान बूझकर हम यह नहीं खा सकते। आज के इस काल में व्यक्ति का विरोध ज्यादा हो रहा है क्योंकि सत्य कोई सुनता नहीं है। सम्यक दृष्टि जीव का लक्ष्य मोक्ष मार्ग है।
Published on:
11 Jul 2024 07:00 pm
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