
मकर सक्रांति
सहारनपुर। साेमवार आज मकर संक्रांति है। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा ताे मकर संक्राति का याेग बनेगा। इस वर्ष सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी 2019 को रात सा 7 बजकर 50 मिनट पर हो रहा है। एेस में साेमवार 14 जनवरी की शाम काे मकर संक्रांति लग जाएगी। स्नान का शुभ समय 15 जनवरी 2019 को सुबह 7 बजकर 19 मिनट से आरंभ हो रहा है।
ये है पुण्य काल
15 जनवरी 2019 को सुबह 7 बजकर 19 मिनट से पुण्यकाल शुरु हाे आरंभ हाे जाएगा जाे दाेपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। आचार्य पंडित राेहित वशिष्ठ के मुताबिक महापुण्य काल 15 जनवरी 2019 को सुबह 7 बजकर 19 मिनट से सुबह 9 बजकर 03 मिनट तक है ।
जानिए क्यों मनाई जाती है मकर सक्रांति
आज हम आपकाे यह भी बताते हैं कि मकर सक्रांति क्याें मनाई जाती है। आचार्य पंडित राेहित वशिष्ठ के अनुसार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को ही मकर सक्रांति कहते हैं। इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं उत्तरायण की अवधि देवताओं का दिन है और दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि कहा जाता हैं यानि मकर सक्रांति देवताओं का प्रभात काल है।
''माघ मकरगत रवि जब होईतीरथपतिहि आव सब कोई'' इसका आर्थ यह है कि, माघ मास में मकर सक्रांति के दिन ही समस्त देवी देवता तीर्थराज प्रयाग में आकर स्नान करते हैं। इसलिए एेसा माना जाता है कि तीर्थराज प्रयाग में स्नान का अत्यधिक शुभ फल प्राप्त होता है। एेसी मान्यता है कि मकर सक्रांति के दिन गंगा महारानी भगीरथ जी की तपस्या का फल प्रदान करने के लिए भगीरथ जी के पीछे पीछे चल कर गंगासागर नामक स्थान पर कपिल मुनि के आश्रम में पहुंचकर सागर में मिल गई थी। मकर संक्रांति को ही महाराजा सगर के 60000 पुत्रों को मुक्ति प्राप्त हुई थी। यही कारण है कि गंगासागर भी स्नान करने का बड़ा महत्व है। मकर सक्रांति को ही कंस ने लोहिता नाम की राक्षसी को श्रीकृष्ण को मारने के लिए गोकुल भेजा था। भगवान श्री कृष्ण ने खेल-खेल में ही उस लोहिता नाम की राक्षसी को मार गिराया था
Updated on:
14 Jan 2019 07:52 am
Published on:
13 Jan 2019 08:16 pm
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