
baisakhi 2021
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
सहारनपुर. Baisakhi 2021 Date And Day उत्तर भारत में बैशाखी पर्व बड़े धूम-धााम से मनाया जाता है। Baisakhi 2021 date Baisakhi significance इसी दिन सिख धर्म के 10वें व अंतिम गुरु गोबिंद सिंह ने आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ की स्थापना की थी। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में इस पर्व को उल्लास के रूप में मनाते हैं। देश के अन्य हिस्सों में भी यह पर्व अलग-अलग नामों से मनाया जाता है।
Baisakhi 2021 date and significance इस बार 13 अप्रैल काे बैशाखी पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन बैशाख का महीना शुरू हाे रहा है। यह अलग बात है कि इस बार 13 अप्रैल को ही चैत्र प्रतिपदा भी है जिसमें हिंदू नववर्ष की शुरूआत हाेती है। इस पर्व पर नई फसल का स्वागत किया जाता है। इसी दिन सूर्य मेष राशि में भी प्रवेश करता है। इसलिए इस दिन काे मेष सक्रांति भी कहा जाता है। इस दिन हरिद्वार और ऋषिकेष में गंगास्नान भी हाेता है।
इस दिन गुरूद्वारों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही सिख धर्म के लाेग छबील लगाते हैं। दाेपहर बाद भव्य शाेभायात्राएं निकाली जाती हैं जिसमें खालसा युवक तरह-तरह के करतब दिखाते हैं। यह अलग बात है कि इस वर्ष कोरोना के चलते बैशाखी पर्व कई प्रदेशाें में उतने धूम-धाम से मन पाएगा जितना वह मनता रहा है। इसका कारण यह है कि धार्मिक आयोजनों में भी कोविड-19 प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू कर दिया गया है।
when is baisakhi in 2021 मेरठ के थापर नगर गुरूद्वारा के पंथी सरदार रणजीत सिंह जस्सल का कहना है कि इस बार साेशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बैशाखी मनाई जा रही है। इस त्योहार को मनाने के पीछे baisakhi significance एक मान्यता यह भी है कि इसे नई फसल का त्याैहार भी कहा जाता है। पाैराणिक मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मा जी ने इसी दिन सृष्टि की रचना की थी।
Updated on:
12 Apr 2021 09:18 pm
Published on:
12 Apr 2021 09:08 pm
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