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सहारनपुर। अगर आप भी रक्तदान करने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए ही है। बहुत कम लोग ही यह जानते होंगे कि रक्तदान करने से आप एक नहीं तीन-तीन जिंदगियां बचा सकते हैं। इतना ही नहीं रक्तदान आपकाे भी स्वस्थ रखने में मदद करता है। अगर आप सोच रहे होंगे कि आखिर एक व्यक्ति ब्लड डोनेशन करके 3 लोगों की जान कैसे बचा सकता है ताे आईए हम आपकाे बताते हैं कि किस तरह से एक यूनिट ब्लड तीन लाेगाें की जिंदगी बचाता है।
दरअसल ब्लड यानि रक्त पीआरबीसी, प्लेटलेट्स और प्लाजमा से बनता है, या कह लीजिए कि रक्त में ये तीनाें चीजे हाेती हैं। PRBC रक्त में हीमाग्लाेबिन बढ़ाती है। पीआरबीसी काे Packed red blood cells कहते हैं। यानि अगर किसी राेगी का हीमाेग्लाेबिन कम हाे जाता है ताे उसे पीआरबीसी दिया जाता है।
इसी तरह से अगर किसी मरीज काे प्लेटलेट्स Platelets की आवश्यकता हाेती है ताे उसे प्लेटलेट्स दिये जाते हैं। इसके बाद बचता है प्लाजमा Plasma जिन राेगियाें काे पलाज्मा की आवश्यकता हाेती है उन्हे प्लाज्मा दिया जाता है। इस तरह एक व्यक्ति एक यूनिट रक्तदान से तीन-तीन जिंदगियां बचा सकता है।
गोल्ड मेडलिस्ट डॉक्टर संजीव मिगलानी से जानिए रक्तदान के फायदे
1 रक्तदान करने से कैंसर होने की आशंका कम हो जाती है। जाे लाेग रक्तदान करते हैं उन्हे कैंसर हाेने की आशंका सामान्य व्यक्ति से कम हाेती है।
2 लीवर स्वस्थ रहता है। रक्तदान करने से शरीर में आयरन की मात्रा कम हो जाती है जिससे लीवर स्वस्थ रहता है।
3 पाचन क्रिया अच्छी हाे जाती है। जाे रक्तदान करते हैं उनका अग्नाशय भी स्वस्थ रहता है।
4 डायबिटीज नहीं हाेती। जाे महिला या पुरुष ब्लड डोनेट करते हैं उन्हें डायबिटीज होने का खतरा भी कम रहता है।
5 हार्ट अटैक की आशंका भी कम हाे जाती है। जब व्यक्ति रक्तदान करता है तो उस समय खून के साथ-साथ कोलस्ट्रोल भी बॉडी से बाहर आ जाता है और ऐसे में हार्ट अटैक की आशंका भी कम हो जाती है।
6 माेटापा नहीं आता। सबसे बड़ी बात यह है कि रक्तदान करने वाले मोटे नहीं होते और मोटापा कम रहता है।
7 डिप्रेशन में लाभकारी है रक्तदान। दरअसल रक्तदान करने से ब्रेन के केमिकल एक्टिव हाे जाते हैं। ऐसे में रक्तदान करने वालाें काे डिप्रेशन नहीं हाेता।
रक्तदान काे लेकर यह सिर्फ अंधविश्वास
अक्सर आने लाेगाें काे यह कहते हुए सुना हाेगा कि रक्तदान करने से कमजाेरी आती है लेकिन यह बिल्कुल गलत है। चिकित्सकाें के अऩुसार रक्तदान करने से किसी भी तर की कमजाेरी नहीं आती। 18 से 65 वर्ष की आयु का काेई भी व्यक्ति रक्तदा कर सकता है। एक सप्ताह में दान किया गया रक्त शरीर में खुद ही बन जाता है।
डॉक्टर संजीव मिगलनी के अनुसार हाल ही में एक शोध में यह बात भी सामने आई है कि रक्तदान करने वाले डिप्रैस नहीं होते और रक्तदान डिप्रेशन से बचाता है। इस बार पूरे विश्व में 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जा रहा है और इस वर्ष के वर्ल्ड ब्लड डोनर डे की थीम ''Give the gift-of-life'' है। यानी आप रक्तदान करके दूसरों को जीवनदान दे सकते हैं रक्तदान ही जीवनदान है।
Published on:
14 Jun 2019 07:41 pm
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