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पोस्ट में लिखा गया है कि इलाके में हो रही चर्चा के मुताबिक ग्लोकल यूनिवर्सिटी के लिए मनमाने ढंग से सभी मानकों को ताक पर रखकर जबरन लोगों से जमीन खरीदी और अवैध खनन को लेकर सीबीआई की टीम ने हाजी इकबाल के यहां डेरा डाला था। इकबाल के यहां सीबीआई टीम और भारी पुलिसबल को देखकर लोग हैरत में थे, क्योंकि काफी समय से मामला शांत पड़ा हुआ था। छापेमारी के दौरान लोगों की जुबान पर किसी शख्स विकास अग्रवाल का नाम बार-बार आ रहा था। इस लोगों का कहना था कि विकास की वजह से ही ये छापेमारी हुई है। काफी समय तक पूछताछ के बाद टीम बैरंग ही वापस लौट गई। सीबीआई टीम ने इकबाल के सहारनपुर में होने की पुष्टि के बाद ही छापेमारी की थी। आईये लोगों की परेशानी और जुबान पर बने नाम विकास अग्रवाल के बारे में आपको बताते हैं कि कौन है विकास अग्रवाल। विकास अग्रवाल को शख्स कहें या शख्शियत कहें ये तो उसकी विकिपीडिया जानने के बाद ही आपको पता चलेगा।
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विकास अग्रवाल आज के समय में अरबपति व्यक्ति है, जो पहले कभी कर्जों में डूबा हुआ रहता था। मेरठ के गढ़ रोड स्थित जयदेवी नगर के रहने वाले विकास अग्रवाल ने कुछ समय में ही वो मुकाम पा लिया, जहां पर पहुंचने के बाद उसने कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा। फर्जी कम्पनियों, अवैध खनन और अवैध धन्धों के सहारे विकास अग्रवाल रोड-पति से आज अरब-पति बन गया। अवैध खनन और अवैध सम्पत्ति के खरीद बिक्री के कारोबार को करके आज विकास अग्रवाल 1000 करोड़ की संपत्ति का मालिक बन बैठा है। सारा पैसा विकास अग्रवाल ने अपने नौकरों और रिश्तेदारों के जरिये लैंड-ट्रेडिंग में लगा रखा है। विकास अग्रवाल ने लगभग 29 फर्जी कंपनी बना रखी है, जिससे कि आयकर की आसानी से चोरी की जा सके। इनमें से ज्यादातर कम्पनियां फर्जी हैं, जो कि एक ही पते पर बनाई गयी है। इन कम्पनियों और विकास के रिश्तेदारों के निजी बैंक खातों में करोड़ों के लेन-देन हुए हैं, जिनका पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड खंगालने पर भारत के इतिहास की सबसे बड़ी मनी-लॉन्ड्रिंग सामने आएगी। विकास अग्रवाल का देहरादून के पॉश कालोनी में 3 महलनुमा कोठी आशीर्वाद एन्क्लेव है जिसमें एक की कीमत 25 से 30 करोड़ रूपये आंकी जा रही है। इन कोठियों को विदेशी तर्ज पर बनाया गया है।
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10-10 करोड़ से ऊपर की लागत से 4 स्टोन क्रेशर लगाए गए हैं, जिसमें फर्जी गिफ्ट डीड दिखाकर टैक्स चोरी की गयी है। इन स्टोन क्रेशरों को अवैध खनन से संचालित कर फर्जी ट्रेडिंग फर्म बनाकर बिना कोई टैक्स अदा किये खरीद फरोख्त किया गया। इनके दवारा ट्रेडिंग फर्म बनाकर उसमे साल-छः महीना खरीद-बिक्री करके बाद में उसे बंद दिखाकर दूसरे फर्म के नाम से संचलित कर लेते थे। इनके दवारा अभी वर्तमान में तुगानिया ग्रामोद्योग संस्थान, व रिवर स्टोन क्रेशर बेहट सहारनपुर में संचालित हैं और तुगनिया इन्फ्राटेक प्रा० लि० भरतपुर राजस्थान और आल स्टोन माइंस एन्ड मिनरल्स प्रा० लि० पोंटा साहिब हिमाचल प्रदेश में संचालित है। विकास अग्रवाल के पत्नी का सगा भाई विदेश में रहता है, जो विकास के काले धन को वहां रियल स्टेट में इन्वेस्ट करता है और यह पैसा हवाला के जरिये भारत से विदेश भेजा जाता है। विकास अग्रवाल को विदेशी महंगी गाड़ियों का भी बड़ा शौक है और सभी गाड़ियों का नंबर भी समान है जो कि 1299 है। विकास अग्रवाल अपने काले धन को ज्यादातर अवैध खनन ,ब्रिज के टोल टैक्स, शराब का व्यापार और क्लोनाइजर में लगता है। इस काले कारोबार से जो अवैध धन एकत्रित होता है उसको मनी-लॉन्ड्रिंग के जरिये अन्य कम्पनियो में लगाया जाता है। शराब व्यापार में विकास अग्रवाल का पैसा सहारनपुर के रहने वाले संजय कर्णवाल के जरिये लगाया जाता है।
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सहारनपुर में भी विकास अग्रवाल के भाई विशाल अग्रवाल ने हाजी इकबाल के साथ मिलकर ग्राम-समाज की जमीन पर अवैध खनन कर करोडों रूपये की राजस्व की हानि पहुंचा रखी है, जिसका खुलासा विभागीय अधिकारीयों से मिलीभगत होने के कारण सामने नहीं आ पाया। विकास अग्रवाल ने हाजी इकबाल से हाथ मिलाकर अवैध खनन और जमीनों पर कब्जे का काम शुरू किया और बहुत ही कम समय में इकबाल का सबसे विश्वास-पात्र पार्टनर बन गया। इकबाल के सारे अवैध धन्धों और काले धन्धों का राजदार बन चुका था विकास अग्रवाल, लेकिन अवैध खनन से कमाए काले धन के बंटवारे को लेकर दोनों में मन-मुटाव हो गया और विकास ने हरियाणा के खनन माफिया दिलबाग से हाथ मिला लिया। इतना ही नहीं विकास ने राज दिलबाग के सामने खोल दिए और हद तो तब हो गयी जब विकास ने पिथौरागढ़ में रहने वाले अपने रिश्तेदार के जरिये दिल्ली में बैठे कुछ अधिकारीयों के सामने इकबाल के काले कारनामों का सच बता दिया, जिसके बाद से अब तक कई बार हाजी इकबाल के यहां सीबीआई छापेमारी कर चुकी है।
(नोट- इस खबर में लिखी गई किसी भी बात की पत्रिका पुष्टि नहीं करता है, खबर में वहीं बातें लिखी गई है, जो सोशल मीडिया पर कुछ लोगों की ओर से वायरल की जा रही है)