
लव अग्रवाल
सहारनपुर। कोरोनो काे लेकर हर राेज देश काे अपडेट करने वाले वाले आईएएस ऑफिसर लव अग्रवाल सहारनपुर के रहने वाले हैं। इनकी पढ़ाई सहारनपुर में ही हुई और 1996 में आईएएस में 21वी रैंक के साथ सलेक्शन हुआ। आंध्र प्रदेश कैडर के आईएएस ऑफिसर लव अग्रवाल इन दिनों डेपुटेशन पर दिल्ली में हैं और संकट के इस समय में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हर राेज प्रेस कांफ्रेंस करके देश काे अपडेट करते हैं।
जानिए लव अग्रवाल के बारे में कुछ बातें
आईएएस ऑफिसर लव अग्रवाल के पिता केजी अग्रवाल बताते हैं कि लव काे शुरू से ही चैलेंज पसंद हैं। पिता चाहते थे कि बेटा भी उनकी तरह सीए बने लेकिन लव ने आईआईटी ज्वाइन की। 1993 में मैकेनिकल इंजीनयरिंग से पास आउट हाेने के बाद आईएएस की तैयारी की और 1996 में 21 वी रैंक हांसिल की। डेपुटेशन पर 2016 में दिल्ली में आ गए और अब स्वास्थ्य मंत्रालय में सेवाएं दे रहे हैं।
पूरा परिवार करता है लॉक डाउन का अनुपालन
सीए केजी अग्रवाल बताते हैं कि फाेन पर 'लव' उन्हे लॉक डाउन का पालन करने के लिए कहता है। उनका यह भी कहना है कि जब बेटा 20-20 घंटे काम कर रहा हाे ताे ऐसे में उनके परिवार की अधिक जिम्मेेदारी बन जाती है कि लॉक डाउन का पालन करें। दिल्ली राेड स्थित ग्रीन पार्क कालाेनी में लव अग्रवाल के पिता केजी अग्रवाल उनकी पत्नी विजय रानी अग्रवाल और लव अग्रवाल के छाेटे भाई अंकुर अग्रवाल अपने पत्नी और दाे बच्चों के साथ रहते हैं। यह पूरा परिवार लॉत डाउन का शत प्रतिशत पालन करता है।
पिता बाेले बचपन से ही आत्मविश्वासी हैं बेटा
केजी अग्रवाल बताते हैं कि उनके बेटे में काफी आत्मविश्वास है। पढ़ाई के दाैरान जब उन्हाेंने बेटे लव काे सीए की पढ़ाई करने के लिए कहा ताे बेटे ने कहा कि वह आईआईटी में जाएगा। इस पर पिता ने सिर्फ इतना कहा था कि वह काफी टफ है ताे इस पर लव बाेले थे कि पापा आप मुझे अंडरस्टीमेट क्याे कर रहे हैं। जब तैयारी करूंगा ताे सलेक्शन क्याें नहीं हाेगा ? केजी अग्रवाल के अनुसार लव बचपन से हार्ड वर्किंग है। 20-20 घंटे काम करने के बाद भी वह घर पर फाेन करता है।
कई देशों में कर चुके हैं भारत का प्रतिनिधित्व
46 वर्षीय अग्रवाल स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर हैं और ग्लोबल हेल्थ, मेंटल हेल्थ, टेक्नोलॉजी, पब्लिक पॉलिसी जैसे अहम विभागों का कार्यभार उन्हीं पर है। भारत का प्रतिनिधित्व अंतरराष्ट्रीय मंच पर उन्होंने कई बार किया है। जी-20 देशों के हेल्थ वर्किंग ग्रुप्स के सम्मेलन में भी उन्होंने भारत का प्रेजेंटेशन किया था और इस दौरान उनका विषय आयुष्मान भारत था। स्वास्थ्य सचिव डॉ प्रीती सुदन के साथ ही वह यूएस इंडिया हेल्थ क्लब में शामिल रहे थे और अब कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच जो नेशनल डेस्क बनाई है गई है उसका भी प्रतिनिधित्व अग्रवाल ही कर रहे हैं।
बचपन से ही था पढ़ने लिखने का शौक
पिता केजी अग्रवाल के अनुसार बेटे लव को बचपन से ही पढ़ने लिखने का काफी शौंक था। वह अधिक समय पढ़ाई में ही बिताते थे। मुंशी प्रेमचंद उनके पसंदीदा लेखक हैं और मुंशी प्रेमचंद की कहानियों को उन्होंने बचपन में ही काफी पढ़ लिया था। इसके बाद से उनके व्यवहार में भी साहित्य का प्रभाव दिखाई देता था।
इस घटना से हुए थे विख्यात
लव अग्रवाल काे आज पूरा देश जान रहा है लेकिन उन्हे प्रसिद्धि पहले ही मिल चुकी है। पिता केजी अग्रवाल के उनका बेटा निडर भी है। बताया कि, जब वह आंध्र प्रदेश में था तो काेल्लूरू झील पर वहां के माफिया डॉन का कब्जा हुआ करता था। उस समय उन्होंने उस झील को कब्जा मुक्त कराया और माफियाओं से भी नहीं डरे। यह एक ऐतिहासिक कार्य था जिसको लेकर लव को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली थी। पिता बताते हैं कि उनके बेटे लव को सादा खाना पसंद है और सोशल मीडिया पर भी वह काफी एक्टिव रहते हैं हमेशा लव तकनीकी को पसंद करते हैं और रूढ़ीवादी विचारों से परहेज करते हुए हमेशा आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं।
Updated on:
13 Apr 2020 07:23 pm
Published on:
13 Apr 2020 07:21 pm
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