
saharanpur mahotsav
सहारनपुर।
सहारनपुर महाेत्सव एवं शिल्प मेले का शुक्रवार रात समापन हाे गया। इस दाैरान यहां सांस्कृतिक कार्यक्रमाें के नाम पर फिल्मी गीताें जमकर डांस हुआ। पूरा पंडाल सीटियाें आैर तालियाें से उस समय गूंज उठा जब यहां 18 बरस की कुंवारी कली थी घूंघट में मुखड़ा छिपा के चली थी, हुई चाेरी, जाेरा-जाेरी चने के खेत में फिल्मी गीत प्ले हुआ। सिर्फ गीत ही प्ले ही नहीं हुआ इस गीत पर लड़कियाें ने जमकर ठुमके लगाए हुए प्रस्तुतियां दी।
दरअसल यह पूरी परफॉरमेंस उस स्टेज पर हुई जिस पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी आैर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ के फाेटाे लगी हुई थी। पीएम माेदी आैर सीएम याेगी के फाेटाे वाले बैनर तले यहां इस फिल्मी गीत पर जमकर डांस हुआ आैर पूरा पंडाल सीटियाें आैर तालियाें की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इन प्रस्तुयियाें के दाैरान पुलिस आैर प्रशासनिक अफसराें के आलावा जिले के गणमान्य लाेग माैजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में मुख्य विकास अधिकारी संजीव रंजन ने सभी का धन्यवाद किया।
क्या कहते हैं सांसद
सांसद राघव लखन पाल शर्मा से जब इस प्रस्तुति के बारे में बात की गई ताे उनके प्रतिनिधि ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम की प्रस्तुति से आयाेजकाें काे परहेज करना चाहिए था। सांस्कृतिक प्रस्तुतियां एक दायरे में ही हाेनी चाहिए थी। इस तरह के गीताें पर प्रस्तुति नहीं हाेनी चाहिए थी।
क्या कहते हैं विधायक
नगर विधायक संजय गर्ग का कहना है कि महाेत्सव का आयाेजन वन प्राेडक्ट वन डिस्ट्रिक्ट की थीम पर आधारित था लेकिन पूरा महाेत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रमाें में ही उलझकर रह गया। अच्छा हाेता अगर इस महाेत्सव में काष्ठ कला उद्याेग से जुड़ी वर्कशॉप, ट्रेनिंग या प्राेग्राम चलाया जाता या फिर काष्ठ कला उद्याेग के प्रमाेशन के लिए कुछ प्रयास किए जाते। सांस्कृतिक कार्यक्रमाें के लिए अगले माह गुघाल मेला है वहां सरकार ध्यान लगा सकती थी।
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पूर्व विधायक राजीव गुंबर का कहना है कि फिल्मी गीताें पर इस तरह की प्रस्तुति उचित नहीं है। भाजपा में इस तरह के कार्यक्रमाें से परहेज किया जाता है। जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी आैर मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ की फाेटाे मंच के बैनर लगाई गई थी ताे इस तरह के कार्यक्रम की प्रस्तुति से आयाेजकाें काे बचना चाहिए था।
क्या कहते हैं आयाेजक
महाेत्सव के आयाेजक ताे प्रशासनिक अफसर थे लेकिन हर प्राेग्राम के आयाेजक अलग से तय थे। इस कार्यक्रम के आयाेजिक ब्रिजेश जाेशी थी। जब हमने उनसे बात की ताे उन्हाेंने कहा कि यह सामान्य प्रस्तुति थी। अगर इस प्रस्तुति काे काेई प्राेफेसनल डांस या नृत्यांगना देती ताे आपत्ति की जा सकती थी लेकिन यह बच्चियाें की प्रस्तुति थी एेसे में आपत्ति नहीं करनी चाहिए। उन्हाेंने यह भी कहा कि सहारनपुर महाेत्सव में एक भी प्रस्तुति क्लासिकल नहीं हुई। इससे पूर्व में नाटकाें में इतने हॉट सीन पराेसे गए गए उनपर किसी ने आपत्ति नहीं की। यहां कि नाटकाें के दाैरन महाेत्सव के बैनर पर काला कपड़ा तक ढक दिया गया उस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। एेसे में इन बच्चियाें की प्रस्तुति पर आपत्ति करना भी उचित नहीं है।
Updated on:
29 Jun 2018 01:12 pm
Published on:
29 Jun 2018 01:10 pm
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