
सहारनपुर। त्यौहारों का सीजन शुरू हो चुका है। 10 दिन बाद धनतेरस (Dhanteras) है। बाजार में पटाखे बेचने को लेकर कई दुकानदारों ने लाइसेंस के लिए आवेदन भी दे दिया है। वहीं, प्रशासन ने अवैध पटाखे बनाने वालों के खिलाफ भी अभियान चला रहा है। ऐसे में देवबंद (Deoband) के उलेमा (Ulema) ने पटाखे बनाने व बेचने को नाजायज करार दिया है।
यह कहा उलेमा ने
मुफ्ती अब्दुल वकील कासमी का कहना है कि आतिशबाजी (Firecrackers) इस्लाम धर्म में बिल्कुल नाजायज है। इस्लामी शरीयत में इसका कहीं भी कोई उल्लेख नहीं मिलता है। यह गैरों का तरीका है। यह मुसलमानों का तरीका बिल्कुल नहीं हैं। जो लोग पटाखे बना रहे हैं या बेच रहे हैं, वे गैर शरई हैं। जो मुस्लिम पटाखे छुड़ाते हैं, वे अपने पैसे में आग लगा रहे हैं। पटाखे बेचकर कमाया गया पैसा भी इस्लाम धर्म में जायज नहीं है।
'इस्लाम में गलत है'
उन्होंने कहा कि मुस्लिम पटाखे छुड़ाने से बचें और अपने पैसे को बच्चों की तालीम या गरीबों पर खर्च करें। त्योहार पर पटाखे छुड़ाना गैरों का तरीका है। हमें उनसे कोई लेना देना नहीं है। वह उनका अपना अलग मामला है। इस्लाम में ऐसा करना बिल्कुल गलत है।
Updated on:
15 Oct 2019 02:33 pm
Published on:
15 Oct 2019 02:32 pm
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