
haji iqbal हाजी इकबाल
पूर्व बसपा एमएलसी और खनन के व्यापार को लेकर कुख्यात हुए हाजी इकबाल की 500 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया में अंतिम आदेश पारित हो गया है। आपत्तियों के सुनने के बाद अदालत ने ऐसे 80 लोगों के राहत दी है जिन्होंने हाजी इकबाल से जमीन खरीदी थी लेकिन बाद में खरीदी गई जमीन भी कुर्क की कार्रवाई में आ गई थी। अदालत ने इन लोगों का दोष नहीं मानते हुए ऐसे 80 लोगों को रहत दी है।
जिलाधिकारी सहारनपुर डॉक्टर दिनेश चंद्र ने बताया कि जो भी प्रदेश सरकार माफियाओं के खिलाफ है। माफियाओं के मामलों का गुण-दोष के आधार पर जल्द से जल्द निस्तारण करने के आदेश भी सरकार के हैं। इसी क्रम में सहारनपुर के हाजी इकबाल और उनके साथियों की 17 जून को 5 अरब यानी पांच सौ करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया गया था। नियम के अनुसार 90 दिन के अंदर इस मामले का निस्तारण किया जाना था इसके लिए दूसरे पक्ष को सुनने का अवसर दिया गया और दोनों पक्षों के सुनने के बाद गुण-दोष के आधार पर निर्णय किया गया।
इसी क्रम में 500 करोड़ रुपये की जब्त की गई भूमि पर अंतिम निर्णय हुआ है। इस भूमि को कुर्क कर लिया गया है। इसी बीच में ये बात भी सामने आई कि कुछ लोगों ने इकबाल से कुछ संपत्तियां खरीद ली थी। यो छोटी-छोटी भूमियां थी। ऐसे में उन लोगों की कोई गलती ना मानते हुए ऐसे 80 लोगों को इस निर्णय से अवमुक्त किया गया है। यानी जो संपत्ति हाजी इकबाल से दूसरे लोगों ने खरीद ली थी। अपना पैसा देकर ऐसे 80 लोगों की संपत्ति को इस आदेश से अलग रखा गया है।
जिलाधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र का कहना है कि सरकार गरीब लोगों को लेकर संवेदनशील है। करीब 80 ऐसे लोग हैं जिन्होंने हाजी इकबाल से छोटी-छोटी संपत्तियां खरीद ली थी। उन संपत्तियों को जनहित के आधार पर कुर्की के आदेश से अलग रखा गया है। अब इस मामले में फाइल को अंतिम निर्णय के साथ-साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेज दिया गया है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
Updated on:
08 Oct 2023 09:43 am
Published on:
08 Oct 2023 09:41 am
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