
प्रतीकात्मक फोटो ( स्रोत AI )
Heavy Rain : सहारनपुर के घाड़ क्षेत्र में मासूम बेटों के सामने उनकी मां पानी के तेज बहाव में बह गई। लाचार दोनों बेटे कुछ ना कर सकें और सिसक-सिसककर रोते रह गए। अगले दिन महिला का शव बरसाती के नदी के किनारे रेत में दबा हुआ मिला। इस घटना के बाद से परिवार में को कोहराम मचा हुआ है और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।
घटना सहारनपुर के मिर्जापुर थाना क्षेत्र की है। यहां घाड़ क्षेत्र में काफी गरीबी होने के चलते स्थानीय परिवार जंगल से लकड़ी लाते हैं और खाना बनाते हैं। दो दिन से शिवालिक की पहाड़ियों में हो रही ( Heavy Rain ) बरसात से बरसाती नदियां उफान पर हैं। जब पहाड़ियों से पानी नीचे आता है तो वह अपने साथ टूटे हुए वृक्षों की टहनियां और सूखी लकड़ियां बहाकर लाता है। खाना बनाने के लिए इन्ही लकड़ियों का इस्तेमाल यहां के लोग ईंधन के रूप में करते हैं। बरसात में ऊपर से बहकर आ रही लकड़ियों को पानी से निकालने के लिए गांव महमूद नगली के रहने वाले धर्मपाल की पत्नी रूमा अपने दो बेटों कुनाल और रोहित के साथ यमुना नदी की तरफ गई थी।
रूमा अपने दोनों बच्चों के साथ लकड़ी तलाश रही थी। इसी दौरान इन्हे नदी में बहकर आती हुई एक सूखी लकड़ी दिखाई थी। इस लकड़ी को निकालने के लिए जैसे ही रूमा ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो उसका पैर फिसल गया और वह पानी में गिर गई। तेज बहाव होने के चलते संभल नहीं पाई और पानी के साथ बह गई। बच्चों ने शोर मचाया तो इनकी आवाज सुनकर आस-पास के लोग आ गए लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। रूमा का कोई पता नहीं चला। इस घटना से बच्चे में दहशत में आ गए। दोनों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।
अगले दिन गांव के एक व्यक्ति ने रेत में एक शव देखा तो पुलिस को खबर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को निकलवाया तो इसकी पहचान रूमा के रूप में हुई। इस घटना के बाद से परिवार में दुख पसरा हुआ है। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है। महिला के चार बच्चे, दो बेटे दो बेटियां हैं। पति धर्मपाल ट्रक ड्राईवर है। परिवार ने बताया कि घटना के समय धर्मपाल असम में था। पति के घर नहीं पहुंचने के चलते मंगलवार तड़के तक महिला के शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया था।
Published on:
19 Aug 2025 01:32 pm
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