
यूपी के मीट कारोबारी आईटी और ईडी के निशाने पर हैं। हाजी फजलुर्रहमान के यहां 36 घंटों से रेड चल रही है। 3 जनवरी से IT की टीम ने ITBP के जवानों के साथ हाजी के करीब पांच ठिकानों पर रेड डाली थी।
हाजी फजलुर्रहमान पर टैक्स चोरी के साथ-साथ बैंक से लिमिट बढ़ाकर पैसा गल्फ कंट्री में भेजने का आरोप है। इसमें हाजी ने पैसों का लेन-देन भी किया। इसके अलावा उन पर आय से अधिक संपत्ति रखने का भी आरोप है। जिसका कोई टैक्स नहीं भरा था।
हाजी की फैक्ट्रियों में क्षमता से अधिक पशु काटे जा रहे थे। स्थानीय फैक्ट्री में रोज 150 पशु काटे जा सकते है, लेकिन रोजाना 1800 से 2000 से ज्यादा पशु काटे जा रहे थे। हाजी फजलुर्रहमान के लॉकडाउन में 138 करोड़ रुपए के लेनदेन की भूमिका भी बताई जा रही है।
3 जनवरी को शुरू हुई थी रेड
आयकर विभाग की टीम ने तीन जनवरी को सुबह करीब 11 बजे बसपा सांसद के तीन घरों, दफ्तर और हरौड़ा में स्थित एएलएम मीट फैक्टरी पर छापे मारना शुरू किया था। ITBP के जवानों ने बसपा सांसद के लिंक रोड स्थित दोनों घरों, दफ्तर और ढोलीखाल में पुराने घर की भी घेराबंदी कर रखी है। उनके रिश्तेदारों के घर पर अफसरों की फौज सर्च करने में लगी है।
मकानों के बाहर लोगों को आईटीबीपी के जवान खड़े नहीं होने दे रहे है। टीम ने परिवार के लोगों के अलावा सभी जगह काम करने वाले करीब 200 से ज्यादा कर्मचारियों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए है।
500 मीटर का एरिया कर रखा है कवर
बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान घर पर आईटी की टीम इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम से लैस है। सूत्रों के अनुसार, इस सर्विलांस सिस्टम से करीब 500 मीटर सर्किल का एरिया कवर रखा है। कई कॉल को टैपिंग पर लगाया गया है।
सभी कॉल को रिकॉर्ड कर संदिग्ध काल की जांच भी की जा रही है। ऐसे में हाजी के करीबियों पर भी गाज गिर सकती है। आईटी का सर्विलांस सिस्टम इतना हाईटेक है, बंद फोन पर कॉल करने वाले की डिटेल भी आ जाती है।
लोकल अधिकारी भी आ सकते हैं रडार पर
मीट फैक्ट्री की हार्ड ***** लेकर आईटी की टीम जांच कर रही है। यदि फैक्ट्री में अनुमति से अधिक पशुओं का कटान हुआ है, तो लोकल अधिकारियों से भी पूछताछ हो सकती है। क्योंकि अनुमति से अधिक पशुओं को काटना फैक्ट्री मालिक ने लोकल अधिकारियों की मदद के बगैर तो नहीं किया होगा। ऐसे में पशु चिकित्सक और संबंधित विभाग के अधिकारी भी जांच के घेरे में आ सकते हैं।
कौन हैं हाजी फजलुर्रहमान
बता दें, कि हाजी फजलुर्रहमान ने पहली बार 2017 में बसपा के टिकट पर महापौर का चुनाव लड़ा था। जहां उनको चुनावी मैदान में बीजेपी के संजीव वालिया ने हरा दिया था। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बसपा ने उन पर भरोसा जताकर चुनाव लड़वाया। जहां उन्होंने भाजपा के सिटिंग एमपी राघव लखन पाल शर्मा को हरा दिया और सांसद बन गए।
Updated on:
05 Jan 2023 09:56 am
Published on:
05 Jan 2023 09:55 am
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