
नोटों की कांवड़ को शिविर में रखकर विश्राम करते कांवड़िया
Kanwar yatra 2025 : अभी तक आपने कांवड़ियों को कांवड़ सजाने और आकर्षक बनाने के लिए नोट खर्च करते हुए देखा होगा लेकिन हरियाणा के एक कांवड़ियां ने नोटों से ही कांवड़ बना दी। इस कांवड़ को बनाने में 100, 200 और 500 रुपये के नोटों इस्तेमाल किया गया। नोटों से बनी ये कांवड़ लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
हरियाणा के जगाधरी के रहने वाले कांवड़िया राजेश वर्मा ने देवभूमि हरिद्वार में नोटों से बनी कांवड़ उठाई तो उसे देखकर हर कोई हैरान रह गया है। वजह भी थी, दरअसल अभी तक लोगों ने कांवड़ पर नोट खर्च होते हुए देखे थे लेकिन नोटों की कांवड़ पहली बार देखी। राजेश वर्मा का कहना है कि वह अपने भाई के साथ कांवड़ लेकर आए हैं। दोनों भाइयों ने नोटों से कांवड़ बनाई है। राजेश वर्मा के अनुसार वह कुछ अलग करना चाहते थे और पैसे भी बचाने थे। इसलिए नोटों की कांवड़ बनाई। यह पैसा सुरक्षित है जगाधरी पहुंचकर एक-एक नोट कांवड़ से निकाल लेंगे।
नोटों की कांवड़ बनाने वाले इन कांवड़ियों को पहले से पता है कि श्रावण मास में बरसात होती है इसलिए नोटों के बारिश से बचाने का जुगाड़ भी किया है। इसके लिए पूरी कांवड़ पर पॉलिथीन लगाई है। ऐसे में बरसात में भी यह कांवड़ पूरी तरह से सुरक्षित है और नोट खराब नहीं होते। पॉलिथीन पारदर्शी होने की वजह से नोट दिखाई देते हैं और इस तरह आकर्षित बने रहने के साथ-साथ सुरक्षित भी बने रहते हैं।
नोटों की कांवड़ बनाने वाले कांवड़ियों ने बताया कि केवल दिन में ही कांवड़ लेकर चलते हैं। उन्होंने कहा कि कोई परेशानी तो नहीं है लेकिन फिर भी केवल शिविर में ही रुकते हैं जहां भीड़-भाड़ ना हो ऐसे रास्तों पर रात में चलने से परहेज करते हैं। राजेश वर्मा ने बताया कि रात में थोड़ा सुरक्षा का डर रहता है। कांवड़ को शिविर के अंदर रखते हैं और जब सुरक्षा के लिहाज से कम से कम एक कांवड़ियां जागता रहता है।
जगाधरी के रहने वाले राजेश वर्मा का कहना है कि दोनों कांवड़ में करीब डेढ़ लाख रुपये कीमत के नोट लगे हुए हैं। 100 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के नोट लगाए गए हैं। एक कांवड़ में करीब 80 हजार रुपये के नोट लगे हैं तो दूसरी कांवड़ में करीब 35 हजार रुपये के नोट लगे हैं। नोटों के अलावा अन्य खर्च लगाकर करीब डेढ़ लाख रुपये का खर्च आया है।
राजेश वर्मा से जब पत्रिका रिपोर्टर ने पूछा जल चढ़ाने के बाद इन रुपयों का क्या होगा ? यानी इस कांवड़ क्या होगा तो भोले ने बताया कि यह सारे नोट धार्मिक कार्य में ही खर्च होंगे। एक तरह से यह सारे पैसे कांवड़ के जरिए बाबा भोलेनाथ को अर्पण कर दिए हैं। अब इन नोटों में से अपना कोई व्यक्तिगत कार्य नहीं होगा। यह सारी रकम स्थानीय देवता के भंडारे और बाबा भोले नाथ के भंडारे के साथ-साथ अन्य धार्मिक कार्यक्रम मों ही खर्च किए जाएंगे।
Updated on:
20 Jul 2025 06:37 pm
Published on:
20 Jul 2025 06:31 pm
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