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किसान आंदोलन खत्म होते ही बनने लगे मंडी शुल्क वसूलने के लाइसेंस

तीन कृषि कानून बनने पर देश में मंडी शुल्क खत्म कर दिया गया था। अब तीन कृषि कानून रद्द होने के बाद फिर से मंडी में शुल्क वसूलने के लिए लाइंसेस प्रक्रिया शुरू हो गई है।

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ratlam# - बदहाल आईएसओ सर्टिफाइड रतलाम मंडी

ratlam# - बदहाल आईएसओ सर्टिफाइड रतलाम मंडी

सहारनपुर. तीन कृषि कानून खत्म होने और किसान आंदोलन खत्म होने के बाद मंडी शुल्क वसूलने के लिए लाइसेंस प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। दरअसल तीन कृषि कानून बनने के बाद मंडी शुल्क वसूलने के लाइसेंस रद्द हो गए थे। अब जब किसान आंदोलन की वजह से सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा तो मंडी शुल्क भी एक बार फिर से शुरू हो गया है। ऐसे में मंडी के बाहर व्यापार करने वालों से अब शुल्क वसूला जाएगा। शुल्क वसूलने के लिए लाइसेंस प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। मंडी में लाइसेंस बनवाने वाले व्यापारियों ने लाइसेंस के लिए आवेदन करने शुरू कर दिए हैं।

देश में तीन कृषि कानून आने के बाद मंडी शुल्क की व्यवस्था खत्म हो गई थी। इस कानून के बाद कोई भी किसान कहीं भी अपनी फसल बेच सकता था। देशभर में अभी तक मंडी व्यवस्था थी जिसके लिए शुल्क लिया जाता था लेकिन जैसे ही तीनों कृषि कानून बहाल हुए तो मंडी शुल्क की व्यवस्था स्वतः ही समाप्त हो गई। जिन व्यापारियों के लाइसेंस बने हुए थे उनके लाइसेंस भी रद्द हो गए। इसी बीच कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने आंदोलन खड़ा कर दिया और लंबे चले आंदोलन के बाद सरकार को किसानों के सामने झुकना पड़ा। सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए गए। अब कृषि कानून रद्द होने के बाद मंडियों में एक बार फिर से मंडी शुल्क की पुरानी व्यवस्था शुरू हो गई है।

अब पुरानी व्यवस्था शुरू होने के बाद मंडी के बाहर व्यापार करने वाले व्यापारियों को मंडी प्रशासन ने निर्देशित कर दिया है कि वह अपने लाइसेंस बनवा लें। लाइसेंस बनवाने के लिए व्यापारियों ने ई-मंडी पोर्टल पर पंजीकरण करना शुरू कर दिया है। लाइसेंस प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसी वर्ष यानी दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में शुल्क वसूलना भी शुरू हो जाएगा। मंडी सचिव अशोक गुप्ता का कहना है कि मंडी शुल्क के लिए लाइसेंस प्रक्रिया शुरू हो गई है। पोर्टल खुल गया है। दिसंबर के अंत तक टैक्स लेना भी शुरू हो जाएगा। जो भी व्यापारी लाइसेंस बनवाना चाहते हैं उन्हें ई पोर्टल पर आवेदन करना होगा।

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