
बड़ी खबर: लंबे विवाद के बाद फिर साथ आए चाचा-भतीजे, लोसकभा चुनाव में बदलेंगे समीकरण
सहारनपुर। लोकसभा चुनाव-2019 से पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। आज सोमवार को फिर से चाचा-भतीजे एक हो जाएंगे। नौ बार सांसद रह चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री रशीद मसूद सोमवार को बसपा से बगावत करते हुए अपने भतीजे कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद को आशीर्वाद देने उनके घर पहुंचेंगे। बताया जा रहा है कि वह चुनाव में इमरान मसूद का साथ देने की घोषणा करेंगे।
पांच बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं काजी रशीद मसूद
काजी रशीद मसूद पांच बार लोकसभा और चार बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। कई दशक तक सहारनपुर की राजनीति पर एकतरफा राज करने वाले रशीद मसूद का कद आज भी वेस्ट यूपी की राजनीति में भारी भरकम माना जाता है। उनके भतीजे इमरान मसूद भी कद्दावर नेता माने जाते हैं। लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले दोनों का मिलन गठबंधन के लिए तगड़ा झटका हो सकता है। गठबंधन प्रत्याशी को भारी नुकसान पहुंचाने का मजबूत गठजोड़ बन गया है। हालांकि, इस गठजोड़ के बाद इमरान अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है इस पारिवारिक गठजोड़ से गठबंधन को तगड़ा झटका लगेगा और इसका सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है।
बसपा पदाधिकारी साधे हुए हैं चुप्पी
काजी रशीद मसूद आज इमरान मसूद के आवास पर पहुंचेंगे। इसकी घोषणा लगभग हो चुकी है। तैयारियां भी पूरी हो चुकी है। दोपहर को वह प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। फिलहाल बसपा नेता चुप्पी साधे हुए हैं। अब देखना यह है कि रशीद मसूद अगर भतीजे इमरान मसूद के लिए चुनाव में साथ देने की घोषणा करते हैं तो बसपा उनके खिलाफ क्या कदम उठाती है। अभी तक रशीद मसूद बसपा में शामिल हैं।
शाहजहां मसूद बसपा प्रत्याशी का कर रहे हैं विरोध
सार्वजनिक रूप से रशीद मसूद अपने भतीजे इमरान मसूद के साथ खड़े होंगे लेकिन उनके बेटे शाजान मसूद कई दिन से बसपा के संभावित प्रत्याशी हाजी फजलुर रहमान का विरोध कर रहे हैं। अपनी सभाओं में वह बसपा के संभावित प्रत्याशी को कमजोर बता रहे हैं। बताया जा रहा है कि खुद शाजान मसूद बसपा से टिकट चाह रहे थे।
Published on:
25 Feb 2019 10:36 am
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