
मकर सक्रांति
सहारनपुर। मकर सक्रांति पर्व पर स्नान के साथ-साथ दान का भी विशेष महत्व है। एेसी मान्यता है कि इस दिन स्नान के बाद दान करने से जन्म जन्मान्तराें के दाेष मिट जाते हैं। मकर सक्रांति पर किया गया दान पितृ दाेष का निवारण करने में भी राणबाण का काम करता है। ताे आईए जानते हैं मकर सक्रांति पर कैसे करे दान।
आचार्य पंडित राेहित वशिष्ठ के अनुसार
मकर सक्रांति पर्व पर सूर्य तिल-तिल आगे बढ़ता है। इसलिए मकर सक्रांति पर तिल के दान का विशेष महत्व है।
मकर संक्रांति पर सूर्य नारायण की तांबा धातु से बनी प्रतिमा को सवा किलो देसी घी से स्नान कराने का विशेष महत्व है। स्नान कराते समय आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। इसके पश्चात इस मूर्ति आैर देशी घी काे ब्राह्मण को दान कर दें। ऐसा करने से पाप एवं निर्धनता दूर होती हैं। धन एवं यश की प्राप्ति होती है ।
शाम के समय शिव मंदिर में जाकर सवा किलो देसी घी व एक ऐसा कंबल जिसका रंग काला न हो भगवान शिव के सम्मुख रखकर भगवान शिव को प्रणाम करें। इसके बाद कंबल और देसी घी मंदिर के पुजारी को दान कर दें। ऐसा करने से जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं आैर धन की प्राप्ति हाेती है।
यशोदा जी एवं आैर श्री कृष्ण एक ऐसी फोटो लें जिसमें माँ यशोदा दही मंथन कर रही हो और श्री कृष्ण माँ के पास बैठे हाें। एेसी तस्वीर लेकर ब्राह्म्ण का अपने घर बुलाएं माँ यशोदा व श्री कृष्ण की पूजा करके ,मथानी दही और पात्र की पूजा करके दक्षिणा के साथ ब्राह्मण को दान कर दें। ऐसा करने से निश्चित संतान की प्राप्ति होती है।
मकर सक्रांति के दिन दोपहर के समय अपने पितरों के निमित्त भी अन्न दान या श्राद्ध करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की तृप्ति होती है। पित्र दोष का निवारण हाेता है।
मकर सक्रांति के दिन खिचड़ी व तिल का दान करना चाहिए और भोजन में के रूप में तिल मिश्रित खिचड़ी ही खानी चाहिए।
Published on:
14 Jan 2019 08:46 am
बड़ी खबरें
View Allसहारनपुर
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
