ॐ घृणि सूर्य आदित्योंम
इन दोनों मंत्र को पढ़ सकते हैं इनके अलावा मकर संक्रांति के दिन सूर्य गायत्री का पाठ करने का विशेष महत्व है।
इसलिए है शुभ संयोग ऐसा 17 साल बाद हुआ है कि सूर्य के अपने ही दिन यानि रविवार को मकर संक्रांति आई है। आचार्य पंडित रोहित वशिष्ठ के अनुसार अपने ही दिन सूर्य उत्तरायण हो रहे हैं। रविवार को ही ध्रुव योग ? बन रहा है। रविवार को ही प्रदोष व्रत है। वृष लग्न में सूर्य का धनु से मकर में केतु के साथ प्रवेश होना भी अपने आप में महत्वपूर्ण है और यह बेहद शुभ संयोग है। इस बार मकर संक्रांति इसलिए भी शुभ फल देने वाली है, क्योंकि आगामी नव संवत्सर के राजा और मंत्री सूर्य और शनि ही हैं।