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रमजान के आखरी जुमे अलविदा पर मुसलमान नहीं पहुंचे मस्जिद तो अंदर दिखा ऐसा नजारा

मुसलमानों ने घरों में ही अदा की रमजान के आखरी जुमे की नमाज मस्जिदों के दरवाजे पर लटके रहे ताले, सड़कें रहीं सुनसान पुलिस बल के साथ आरएएफ ने किया शहर की सड़कों पर गश्त

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देवबंद. मुकद्दस माह रमजान के आखरी जुमे की रोनक को कोरोना का काला साया निगल गया। लॉकडाउन के चलते मुसलमानों ने अलविदा जुमे की नमाज घरों में ही अदा की और अल्लाह की बारगाह में हाथ उठाकर देश व दुनिया में अमन-चैन और कोरोना महामारी से मुक्ति की दुआ की। इस दौरान सभी मस्जिदों के दरवाजे बंद रहे और बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। वहीं, लॉकडाउन का पालन कराने के लिए अर्धसैनिक बल और पीएसी के जवान शहर की सड़कों पर गश्त करते नजर आए।

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कोरोना के कहर के कारण धार्मिक नगरी देवबंद मुकद्दस माह रमजान के आखरी जुमे को भी पूरी तरह सुनसान नजर आई। अकीदतमंदों ने जुमे की नमाज भी अपने घरों में ही अदा की और अल्लाह की बारगाह में हाथ उठाकर वैश्विक माहमारी कारोना वायरस से निजात और देश व दुनिया में अमन चैन के लिए दुआएं की। यही नजारा देहात क्षेत्र का भी रहा। शहर की प्रसिद्ध मस्जिद रशीद, मरकजी जामा मस्जिद, छत्ता मस्जिद, दारुल उलूम की कदीम मस्जिद जमेत सभी मस्जिदों के दरवाजे बंद रहे और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। लॉकडाउन का पालन कराने के लिए शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस, पीएसी और अर्धसैनिक बल के जवान तैनात रहे। दरअसल, शहर में कोरोना पॉजीटिव लोगों की संख्या 100 के आस-पास पहुँच गई है, जो अभी और बढ़ने के आसार हैं। इसी के चलते प्रशासन ने देवबंद को पूरी तरह सीलबंद कर रखा है। लॉकडाउन के पहले दिन से ही शहर के सभी धार्मिक स्थल बंद हैं। कोरोना के प्रकोप को देखते हुए प्रशासन ने मुकद्दस माह रमजान में भी किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी है।