जैश के आतंकी शाकिर अंसारी की देवबंद से हुई गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि उसका कसूर क्या था, वह नहीं जानते? लेकिन गिरफ्तारी के समय उसके खिलाफ सबूतों को दिखाया जाना चाहिए था। अगर शाकिर को 10-15 साल बाद बेगुनाह साबित कर छोड़ दिया जाता है तो उसके जेल में काटे गए वक्त को कौन वापस कर पाएगा। अब समय आ गया है कि पूरे देश के मुसलमानों को आपसी मतभेद भुलाकर कौम की लड़ाई एक साथ लड़नी होगी। उन्होंने सरकार से आतंकवाद विरोधी मुहिम में उलमा को भी साथ लेने की मांग की।