
अब एक मुस्लिम महिला ने कागज पर लिखकर पति को दिया तीन तलाक, इस्लाम का बनाया मजाक
सहारनपुर. देश के मुस्लिम समाज में पुरुषों द्वारा मुस्लिम समाज की महिलाओं को एक झटके में तीन तलाक देने का मामला अभी शात भी नहीं हुआ है कि हरियाणा के यमुनानगर के एक गांव में एक मुस्लिम महिला की ओर से एक कागज पर लिखकर पति को तीन तलाक देने का मामला सुर्खियों में आ गया है। खबरों के मुताबिक हरियाणा के यमुनानगर के एक गांव में तीन बच्चों की मां कागज पर तीन तलाक लिखकर अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई। पति जब वापस घर लौटा तो पत्नी को उसे घर में पत्नी की चिट्ठी मिली, जिसमें उसकी ओर से तीन तलाक लिखा हुआ था। पत्नी की इस हरकत के बाद पति ने एसपी के दफ्तर में पहुंच पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी है। वहीं, इस मामले में जब देवबंद के शहर काजी सैय्यद अजफर हुसैन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शरीयत में तलाक देने का अधिकार सिर्फ पुरुषों को दिया गया है। इस्लामी शरिया के मुताबिक महिला तलाक नहीं दे सकती। महिला को अगर तलाक चाहिए तो उसे दारुल कजा का दरवाजा खटखटाना होगा। यहां दोनों पक्षों को सुनने के बाद महिला पति से "खुला" ले सकती है। इसके बाद पति पत्नी का निकाह खत्म हो जाएगा और दोनों अलग-अलग अपनी शादी कर सकते हैं। दारुल कजा हर शहर में होती है। शहर काजी ही इस मामले में निर्णय लेते हैं। इस्लाम में पुरुष ही पत्नी को विशेष हालातों में तीन तलाक दे सकता है। सही तरीका ये है कि कुरआन के मुताबिक तीन महीने में सुलह-सफाई सफल नहीं होने के बाद एक-एक करके तलाक दी जाए। इस्लाम में पुरुषों की ओर से भी एक साथ तीन तलाक को अच्छा नहीं माना जाता है। इसके साथ ही अब एक साथ तीन तलाक के खिलाफ बिल पास हो जाने के बाद पति को भी यह अधिकार नहीं रह पाएगा।
खबरों के मुताबिक, हरियाणा के यमुनानगर के एक गांव में तीन बच्चों की मां कागज पर तीन तलाक लिखकर अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई है। महिला का पति जब वापस घर लौटा तो पत्नी को उसे घर में पत्नी की चिट्ठी पड़ी मिली। इस चिठ्ठी में महिला ने तीन तलाक लिखा हुआ था। इसे पढ़ते ही इस शख्स के होश उड़ गए। इसके बाद पीड़ित पति ने एसपी दफ्तर जाकर पत्नी के फरार होने की शिकायत दर्ज करवायी। अपनी शिकायती पत्र में पति ने लिखा है कि 10 साल पहले उसका निकाह हुआ था। इस दौरान के पांच बच्चे हुए। इनमें से दो की मौत हो गई। जिंदगी सामान्य ठंग से चल रही थी। इसी दौरान 15 जुलाई को जब वह काम से घर लौटा तो देखा कि घर से उसकी पत्नी और बच्चे गायब है। घर में एक चिट्ठी रखी हुई थी, जिस पर तीन तलाक लिखा हुआ था। इसके साथ ही घर में रखे हुए 60 हजार रुपए भी गायब थे। महिला का पति मजदूरी का काम करता है। पति ने यह भी आरोप लगाया कि उसकी पत्नी पढ़ी लिखी नहीं है। उसने यह चिट्ठी किसी और से लिखवाई होगी।
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तलाक पीड़ित पति की शिकायत पर पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर महिला की तलाश शुरू की। इस दौरान पुलिस ने महिला को खोज निकाला और उसे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में महिला ने कहा कि मेरा पति शराबी है। वह हमेशा मेरे साथ मारपीट करता था। इसलिए मैंने उसे लताक दिया है। अब मैं अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती हूं। इसी के मद्देनजर हमने मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार तीन तलाक दिया है। हालांकि, इस्लाम धर्म के जानकार इसे तलाक नहीं मानते हैं। उनके मुताबिक महिला को इस्लाम में तलाक का अधिकार नहीं है। अगर कोई महिला अपने पति से पीड़ित है तो महिला शहर काजी के सामने जाकर अपनी दलीलों के पक्ष में सबूत देकर निकाह तुड़वा सकती है, लेकिन कोई मुस्लिम महिला खुद से तलाक नहीं दे सकती है। लिहाजा, महिला अब भी पहले वाले पति की ही बीवी है। इसलिए दूसरे मर्द से निकाह भी नाजायज है।
Published on:
18 Aug 2018 06:10 pm
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