25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Exclusive: विसर्जन के लिए जा रहे परिवारों काे पुलिस ने राेका, लॉकडाउन खुलने तक अस्थियां भी हुई लॉकर में कैद

Highlights अस्थियां विसर्जित करने हरिद्वार जाते हैं लाेग लॉक डाउन में बॉर्डर पर राेक रही उत्तराखंड पुलिस

2 min read
Google source verification
shamshan.jpg

श्मशान घाट

सहारनपुर। मरने के बाद भी लाेगाें काे लॉक डाउन से निजात नहीं मिल रही। सहारनपुर में कई ऐसे परिवार हैं जाे लॉक डाउन के चलते अपनों की अस्थियां भी विसर्जित नहीं कर पाए। ये परिवार अस्थियों काे लेकर हरिद्वार की ओर निकले लेकिन उत्तराखंड पुलिस ने इन्हे बॉर्डर पर ही राेक दिया। अब इन्हाेंने अपनों की अस्थियों काे श्मशान घाट के लॉकर में ही कैद कर दिया है।

यह भी पढ़ें: Amroha: सीएम योगी और पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर कांग्रेस प्रदेश सचिव गिरफ्तार

इन परिवारों के साथ-साथ अब इन दिवंगत आत्माओं काे भी लॉक डाउन खुलने का इंतजार है। यानी साफ है कि लॉक डाउन खुलने का इंतजार सिर्फ जिंदा लाेगाें काे ही नहीं जाे लाेग इस दुनिया से जा चुके हैं उन्हे भी अब इस लॉक डाउन के खुलने का इंतजार है। इनकी अस्थिया श्मशान घाट के ही लॉकर में रख दी गई हैं। सहारनपुर के कई श्मसान में ताे लॉकर भी फुल हाे गए हैं। इतना ही नहीं कुछ श्मशान घाट में ताे लकड़ियां भी खत्म हाेने लगी हैं।

यह भी पढ़ें: Lockdown के बीच कुत्ते के कारण आमने-सामने आए दो पक्ष, फायरिंग में एक की मौत, कई घायल

हकीकतनगर स्थित श्मशान घाट संचालन समिति के पदाधिकारी और श्मशान घाट संचालक राम लाल दत्ता ने बताया कि अब लकड़ियां भी नहीं आ रही। ऐसे में अगर लॉक डाउन बढ़ता है ताे लकड़ियों की परेशानी खड़ी हाे सकती है। ऐसा हुआ ताे संस्कार करने में भी दिक्क्तें आ सकती हैं। उन्हाेंने यह भी बताया कि हकीकनगर नगर श्मशान घाट में लॉकर फुल हाे गए हैं।

यह भी पढ़ें: Corona Fight फेसबुक पेज लोगों के लिए बन रहा मददगार, इस तरह ले सकते हैं Help

अंतिम संस्कार के बाद लाेग अपनों की अस्थियां लेकर हरिद्वार जा रहे हैं लेकिन उन्हे रास्ते में से ही वापस कर दिया जाता है। ऐसे में ये परिवार वापस श्मशान आते हैं और यहां के लॉकर में अस्थियां रख जाते हैं। उन्हाेंने यह भी बताया कि अब उनके श्मशान में महज एक लॉकर शेष बचा है। यहां 16 लॉकर पूरी तरह से फुल हाे चुके हैं।