
श्मशान घाट
सहारनपुर। मरने के बाद भी लाेगाें काे लॉक डाउन से निजात नहीं मिल रही। सहारनपुर में कई ऐसे परिवार हैं जाे लॉक डाउन के चलते अपनों की अस्थियां भी विसर्जित नहीं कर पाए। ये परिवार अस्थियों काे लेकर हरिद्वार की ओर निकले लेकिन उत्तराखंड पुलिस ने इन्हे बॉर्डर पर ही राेक दिया। अब इन्हाेंने अपनों की अस्थियों काे श्मशान घाट के लॉकर में ही कैद कर दिया है।
इन परिवारों के साथ-साथ अब इन दिवंगत आत्माओं काे भी लॉक डाउन खुलने का इंतजार है। यानी साफ है कि लॉक डाउन खुलने का इंतजार सिर्फ जिंदा लाेगाें काे ही नहीं जाे लाेग इस दुनिया से जा चुके हैं उन्हे भी अब इस लॉक डाउन के खुलने का इंतजार है। इनकी अस्थिया श्मशान घाट के ही लॉकर में रख दी गई हैं। सहारनपुर के कई श्मसान में ताे लॉकर भी फुल हाे गए हैं। इतना ही नहीं कुछ श्मशान घाट में ताे लकड़ियां भी खत्म हाेने लगी हैं।
हकीकतनगर स्थित श्मशान घाट संचालन समिति के पदाधिकारी और श्मशान घाट संचालक राम लाल दत्ता ने बताया कि अब लकड़ियां भी नहीं आ रही। ऐसे में अगर लॉक डाउन बढ़ता है ताे लकड़ियों की परेशानी खड़ी हाे सकती है। ऐसा हुआ ताे संस्कार करने में भी दिक्क्तें आ सकती हैं। उन्हाेंने यह भी बताया कि हकीकनगर नगर श्मशान घाट में लॉकर फुल हाे गए हैं।
अंतिम संस्कार के बाद लाेग अपनों की अस्थियां लेकर हरिद्वार जा रहे हैं लेकिन उन्हे रास्ते में से ही वापस कर दिया जाता है। ऐसे में ये परिवार वापस श्मशान आते हैं और यहां के लॉकर में अस्थियां रख जाते हैं। उन्हाेंने यह भी बताया कि अब उनके श्मशान में महज एक लॉकर शेष बचा है। यहां 16 लॉकर पूरी तरह से फुल हाे चुके हैं।
Updated on:
27 Apr 2020 03:36 pm
Published on:
11 Apr 2020 03:51 pm
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