
heart attack
पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
सहारनपुर. नए साल ( New Year ) पर अपने दिल का भी ख्याल रखिए। यूं ताे सर्दी का माैसम स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है लेकिन इसे हार्ट अटैक ( heart attacks ) वाला सीजन भी कहते हैं। दिल के राेगियाें के लिए यह माैसम सबसे अधिक खतरनाक होता है।
( new year 2021 ) एक सर्वे रिपाेर्ट के अनुसार सबसे अधिक अटैक ( heart attack ) सर्दियों में हाेते हैं। इसका कारण यह है कि सर्दी में खून गाढ़ा हो जाता है और शरीर में कैटाकोलामीन की मात्रा बढ़ जाती है। चिकित्सकों के अनुसार सर्दियों में सुबह पांच बजे से दस बजे तक का समय दिल के राेगियाें के लिए सबसे अधिक खतरनाक माना जाता है। कुल अटैक ( heart failure ) के 50 प्रतिशत मामले इसी समय में सामने आते हैं। इसका कारण यह है कि सुबह के समय कड़ाके की ठंड पड़ती है और शरीर में रक्त का प्रवाह धीमा पड़ जाता है। इससे कैटाकोलामीन बढ़ने लगता है जाे अटैक का कारण बनता है।
सहारनपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीएस सोढी का कहना है कि हृदय रोगियों को ठंड के माैसम से बचना चाहिए। ह्दय राेगियाें के लिए यह समय अधिक संवेदनशील है। ऐसे में खाने-पीने से लेकर नियमित रूप से दवाएं लेते रहें और सुबह शाम की ठंड से बचें।
जानिए कैसे हाेता है अटैक
दिल का दाैरा यानि हार्ट अटैक उस समय हाेता है जब रक्त वाहिका ( दिल काे खून पहुंचाने वाली धमनियां ) सिकुड़ जाती हैं। शरीर में रक्त प्रवाह कम होने और कैटीकाेलामीन बढ़ने की वजह से यह धमनियां पूरी तरह से बंद हाे जाती हैं। यही स्टेज हार्ट का कारण बनती है। ऐसे में आपकाे तेज दर्द भी हाे सकता है, पसीना आ सकता है या फिर घबराहट हाे सकती है। कभी-कभी आदमी काे साइलेंट अटैक भी आता है जिसका पता ही नहीं चलता और यह पूरी तरह से दर्द रहित हाेता है।
अटैक हाेने पर तुरन्त ये उपचार
हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई देने या फिर अटैक आने पर जितनी जल्दी हाे सके डिस्प्रीन की आधी टेबलेट काे चबाकर पांच एमजी की सोर्बिट्रेट की टेबलेट को जीभ के नीचे रख लेना चाहिए। यह टैबलेट आपकाे किसी भी मेडिकल स्टोर से आसानी से मिल जाएंगी। अटैक आने पर यही टेबलेट प्राथमिक उपचार हाेती हैं जाे आपकी जान बचाने मे काफी अहम राेल अदा करती हैं और इन टेबलेट काे खाने के बाद राेगी काे चिकित्सक यानि एक्सपर्ट के पास पहुंचने का माैका मिल जाता है।
अटैक से पहले शरीर देता है ये संकेत
जाे हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं उनका अपना ब्लड प्रेशर दाेनाें हाथों नापना चाहिए। यदि ऊपर वाले ब्लड प्रेशर का अंतर दस से अधिक है ताे यह इस बात के संकेत हैं कि उनकी हार्ट दिमाग और पैरों की नसों में साइलेंट ब्लॉकेज हाेना चालू हाे गया है। अमेरिका और यूके में हाल ही में हुए शाेध रिपाेर्ट के अनुसार ऐसे लाेगाें काे भविष्य में कभी भी हार्ट अटैक या फिर लकवा यानी पैरालाइसिस हाे सकता है। डॉक्टर संजीव मिगलानी के अनुसार इसलिए हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों काे दाेनाें बाजुओं में ब्लड प्रेशर नापना चाहिए। यदि अंतर दस से अधिक आता है ताे तुरंत एक्सपर्ट से मिलना चाहिए।
Updated on:
24 Dec 2020 08:48 pm
Published on:
24 Dec 2020 08:42 pm
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