
सहारनपुर. उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में बगैर रिश्वत लिए एक तार भी नहीं जोड़ा जाता है। विभाग में आउटसोर्सिंग पर रखे गए कर्मचारी सुविधा शुल्क लिए बगैर किसी भी शिकायत को दूर करने नहीं जाते हैं। जी हां, ये बात हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि यह बात दो-दो सांसद और डीएम के सामने पावर कॉरपोरेशन के सीनियर अधिकारी ने जब स्वीकार किया तो हर कोई हैरान रह गया। इस खुलासे पर जिलाधिकारी पीके पांडेय ने पावर कॉरपोरेशन के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए कि वह ऐसे मामलों में सीधे FIR दर्ज कराएं और अगर विभागीय या आउटसोर्सिंग का कोई भी कर्मचारी सुविधा शुल्क की मांग करता है तो उसको महकमे से बाहर निकाला जाए।
यह खुलासा बुधवार को यहां जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में हुआ। दिल्ली रोड स्थित विकास भवन में बुधवार सुबह 11:00 बजे जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में जिले के लगभग सभी विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद थे। सहारनपुर सांसद राघव लखन पाल शर्मा और कैराना सांसद हुकुम सिंह की मौजूदगी में यहां समीक्षा चल रही थी। इसी दौरान जब पावर कॉरपोरेशन की बारी आई तो खुद सांसद ने कहा कि उनके पास लगातार शिकायतें आ रही है की लाइन मैन बगैर रिश्वत के एक तार तक नहीं जोड़ने आते। जब इस मुद्दे पर सवाल जवाब हुआ तो यहां मौजूद पावर कॉरपोरेशन के अधीक्षण अभियंता ने यह बात कबूली कि उनके पास भी इस तरह की शिकायतें हैं, लेकिन वह कार्रवाई नहीं कर सकते ?
अधीक्षण अभियंता की लाचारी सुनकर जिला अधिकारी पीके पांडेय भी हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि अगर विभाग में कोई भी कर्मचारी चाहे वह आउटसोर्सिंग पर हो या वह विभाग का नियमित कर्मचारी हो। अगर रिश्वत की मांग करता है तो उसे विभाग से बाहर किया जाए और उसके खिलाफ FIR दर्ज कराई जाए।
पावर कॉर्पोरेशन पर फूटा जनप्रतिनिधियों का गुस्सा
जैसे ही इस बैठक में पावर कॉरपोरेशन के कार्य और उनके कर्मचारियों की कलाई खुली तो यहां मौजूद अन्य जनप्रतिनिधियों का भी गुस्सा फूट पड़ा एक के बाद एक जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि पूरे जिले में जर्जर तार लटके हुए हैं पावर कॉरपोरेशन इन तारों को नहीं बदलता है और दुर्घटना होने का इंतजार किया जाता है इस पर जिलाधिकारी ने पावर कॉरपोरेशन को निर्देश दिए कि जल्द से जल्द जर्जर तारों को बदलवाया जाए और जहां तार ढीले हैं उन को टाइट कराया जाए ऐसे कार्य जिनमें पैसा खर्च नहीं होता उन्हें प्राथमिकता से कराया जाए और बजट आने पर पूरे जिले के जर्जर तारों को बदलवाया जाए।
सांसद ने कहा हर अधिकारी एक स्कूल को ले ले गोद
इस बैठक में अलग-अलग योजनाओं और विभागों के कार्यों की समीक्षा चल रही थी इसी दौरान जब शिक्षा विभाग की बारी आई तो पता चला कि जिले में प्राथमिक विद्यालयों की हालत बेहद खराब है जब विभागीय अफसरों से पूछा गया तो उन्होंने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर बजट और मैन पावर का रोना, रोना शुरु कर दिया। इस दौरान यह बात सामने आई कि जिले के सभी विद्यालयों में फर्नीचर की बेहद कमी है इस पर सांसद राघव लखन पाल ने कहा कि इच्छाशक्ति हो तो पर्याप्त साधनों में भी बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है यह कहते हुए उन्होंने सभी अधिकारियों से जनप्रतिनिधियों की तरह जिले में एक एक स्कूल को गोद लेने का आग्रह भी किया।
Published on:
13 Dec 2017 06:56 pm
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