दरअसल, कोरोना अलर्ट के बीच देवबंद में धरना दे रही महिलाओं को भी जिला प्रशासन की ओर से धरना खत्म करने के लिए कहा गया। उन्हे बताया गया कि कोरोना महामारी घाेषित कर दिया गया है। कोरोना फैलने की आशंकाएं कम नहीं हैं। स्कूल कॉलेज क्लब और ऐसे सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं जहां पर अधिक लोग इकट्ठा होतो हों। इसलिए जनहित में धरने को भी खत्म किया जाना आवश्यक है।
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आपको जानकर हैरानी हाेगी कि प्रशासन के इस आग्रह पर धरना दे रही महिलाओं ने धरना खत्म करने से साफ इंकार कर दिया। प्रशासन के इस आग्रह के बाद धरना स्थल पर मुत्तहिदा ख्वातीन कमेटी की पदाधिकारियों ने कहा कि उनकी नजरों में कोरोना वायरस इतना गंभीर नहीं है जितना कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी है। धरना स्थल से बोलते कमेटी की पदाधिकारियों ने धरने में शामिल महिलाओं से अब और भी अधिक संख्या में धरना स्थल पर पहुंचने की अपील की है। यह भी पढ़ें
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इसकी वजह यह बताई कि, प्रशासन उन्हें उठाना चाहता है लेकिन उन्हे उठना नहीं है। मंगलवार काे ताे धरना स्थल पर यह तक कह दिया कि कोरोना से कितने लोग मर जाएंगे ? अगर कोरोना भारत में ( Corona virus in india )आ भी गया तो उससे इतने लोग नहीं मरेंगे जितने की नए कानून से मर जाएंगे ! इन महिलाओं ने कहा कि, डिटेंशन सेंटर में घुट-घुट कर मरने से अच्छा है कि कोरोना वायरस की चपेट में आकर मर जाएं।
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