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दरअसल आगरा के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के 2004-5 फर्जी प्रमाण पत्र से करीब 11 लोगों ने संभल में वर्ष 2010 में सरकारी स्कूलों में नियुक्ति ले ली थी. यह खेल उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर हुआ था और कई जगहों पर इस तरह फर्जीवाड़ा करके लोगों ने सरकारी नियुक्तियां पाई थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने फर्जीवाड़े के इस पूरे मामले की जड़ तक जाने के लिए एसआईटी टीम का गठन किया था। एसआईटी ने अकेले सम्भल में 11 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए थे. इनमें चार बहजोई के दो बनियाखेड़ी दो गुन्नौर और एक संभल का मामला था। यह भी पढ़ें