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संभल एसपी मुख्यमंत्री मेडल से सम्मानित! 100 करोड़ के फर्जी बीमा नेटवर्क का किया था पर्दाफाश

Sambhal News: संभल के एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई को 100 करोड़ से अधिक के फर्जी बीमा गिरोह का पर्दाफाश करने और संगठित आर्थिक अपराध पर सख्त कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री मेडल-2025 से सम्मानित किया गया।

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सम्भल

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Mohd Danish

Dec 29, 2025

sambhal sp krishna kumar vishnoi cm medal

संभल एसपी मुख्यमंत्री मेडल से सम्मानित! Image Sambhal Police

Sambhal SP CM Medal:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई को मुख्यमंत्री मेडल-2025 से सम्मानित किया है। यह सम्मान उन्हें प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने, संगठित अपराध के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई और उत्कृष्ट पुलिस नेतृत्व के लिए प्रदान किया गया। सम्मान ग्रहण करने के उपरांत एसपी विश्नोई ने अपने माता-पिता के साथ मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट भी की।

कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी की पहचान

आईपीएस अधिकारी कृष्ण कुमार विश्नोई को एक सख्त, ईमानदार और परिणाम देने वाले पुलिस अधिकारी के रूप में जाना जाता है। 24 नवंबर 2024 को संभल में हुई हिंसा के बाद हालात को नियंत्रित करने और जिले में शांति बहाल करने में उनकी भूमिका अहम रही। उनके नेतृत्व में पुलिस ने संवेदनशील परिस्थितियों में भी संयम और प्रभावी कार्रवाई का परिचय दिया।

माफिया और संगठित अपराध पर सख्त रुख

एसपी विश्नोई माफियाओं, संगठित अपराधियों और आर्थिक अपराध में संलिप्त नेटवर्क के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठाते रहे हैं। बीते एक वर्ष में संभल पुलिस ने कई बड़े मामलों का खुलासा किया, जिनमें सबसे प्रमुख 100 करोड़ रुपये से अधिक की बीमा धोखाधड़ी से जुड़ा संगठित गिरोह रहा।

10 वर्षों से सक्रिय था बीमा धोखाधड़ी गिरोह

पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह पिछले लगभग 10 वर्षों से योजनाबद्ध तरीके से सक्रिय था। गिरोह के सदस्य मरणासन्न या हाल ही में मृत व्यक्तियों की पहचान करते थे और फिर बीमा कंपनियों व कुछ बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से उनके नाम पर फर्जी बीमा पॉलिसियां जारी करवाई जाती थीं।

फर्जी खातों के जरिए हड़पी जाती थी बीमित राशि

गिरोह के सदस्य शुरुआत में बीमा पॉलिसी की कुछ किश्तें स्वयं जमा करते थे, ताकि पॉलिसी सक्रिय बनी रहे। इसके बाद मृतक के परिजनों के नाम पर फर्जी बैंक खाते खुलवाकर पूरी बीमित राशि अपने कब्जे में ले ली जाती थी। इस पूरे खेल में दस्तावेजों की बड़े पैमाने पर जालसाजी की जाती थी।

बीमा राशि के लिए करवाई गईं हत्याएं

जांच के दौरान यह भी चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि करोड़ों रुपये की बीमा राशि हड़पने के लिए इस गिरोह ने कई मामलों में हत्याएं तक करवाई थीं। आर्थिक लालच में की गई इन आपराधिक गतिविधियों ने पूरे नेटवर्क की गंभीरता और खतरनाक स्वरूप को उजागर किया।

देशभर में फैला नेटवर्क, 27 ट्रैक्टर बरामद

एसपी विश्नोई के नेतृत्व में की गई कार्रवाई में ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों से फाइनेंस कराए गए कुल 27 ट्रैक्टर बरामद किए गए। इससे यह स्पष्ट हुआ कि गिरोह का नेटवर्क सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं था, बल्कि देशभर में फैला हुआ था।

आधार संशोधन में भी भारी गड़बड़ी

जांच में यह भी सामने आया कि फर्जी कागजात तैयार कर केवल एक वर्ष के भीतर 2 हजार से अधिक आधार कार्ड में बदलाव किए गए थे। इस खुलासे ने पहचान प्रणाली में मौजूद खामियों को भी उजागर कर दिया।