कर्नाटक में हिजाब पर बैन मामले में सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने कहा कि अगर हिजाब हटाया जाएगा तो लड़कियां बेपर्दा होकर घूमेंगी और आवारगी बढ़ने से हालात बिगड़ेंगे।
कर्नाटक में हिजाब पर बैन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर यूपी के संभल से सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क (SP MP Shafiqur Rehman Burq) ने अजीबोगरीब बयान दिया है। सांसद ने कहा है कि अगर हिजाब हटाया जाएगा तो लड़कियां बेपर्दा होकर घूमेंगी और आवारगी बढ़ने से हालात बिगड़ेंगे। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सारा माहौल बीजेपी का बिगड़ा हुआ है। हालांकि सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क के इस बयान पर यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहसिन रजा (Former Cabinet Minister Mohsin Raza) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। मोहसिन रजा ने सांसद के बयान को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए उनसे मांफी की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सपा सांसद को माफी मांगनी चाहिए। वह देश की लड़कियों को पढ़ते हुए नहीं देखना चाहते हैं। वह तालिबानी समर्थक रहे हैं। इसलिए ऐसे बयान दे रहे हैं।
इस्लामिक कल्चर लाने का लगाया आरोप
मोहसिन रजा ने कहा कि सपा सांसद शफीकुर रहमान बर्क दुर्भाग्य से संसद के सदस्य हैं, जो इस तरह की भाषा बोलते हैं। उन्होंने सवाल करते हुए पूछ कि क्या आप इस्लामिक कल्चर लेकर आना चाहते हैं? गौरतलब है कि कर्नाटक में हिजाब पर बैन के मामले को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों की राय बंटी हुई थी। जहां जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हिजाब बैन को सही ठहराया तो वहीं जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के बैन जारी रखने के आदेश को रद्द कर दिया। जस्टिस सुधांशु धूलिया का कहना था कि हिजाब पहनना पसंद का मामला है।
कर्नाटक के स्कूलों में फिलहाल हिजाब बैन
जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा कि लड़कियों की शिक्षा बहुत अहम है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, मैं कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए सभी अपीलों को अनुमति दी जाए। ऐसे में अब इस मामले को बड़ी बेंच में भेजा गया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही कर्नाटक के स्कूलों में फिलहाल हिजाब पर बैन रहेगा। बता दें कि कोर्ट का फैसला उन याचिकाओं पर आया है, जिसमें कर्नाटक हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें हाईाकेर्ट ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर बैन के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जिसपर बेंच ने 10 दिन की मैराथन सुनवाई के बाद 22 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।