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चित्रकूट में हुए प्रियांश-श्रेयांश हत्याकांड के आरोपियों को जमानत नहीं, विशेष न्यायाधीश ने दिया ये तर्क

तीन आरोपियों ने कोर्ट में लगाई थी याचिका

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Accused in Priyansh-Shreyansh murder case not given bail in Chitrakoot

Accused in Priyansh-Shreyansh murder case not given bail in Chitrakoot

सतना/ जिले के बहुचर्चित प्रियांश-श्रेयांश हत्याकांड मामले में तीन आरोपियों की जमानत याचिका पर दस्यु प्रभावित क्षेत्र के अंतर्गत गठित विशेष न्यायालय सतना प्रदीप कुशवाह की अदालत में शुक्रवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले को गंभीर, जघन्य श्रेणी का अपराध बताकर तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी।

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आरोपियों के जमानत आवेदन का विरोध एडीपीओ फखरुद्दीन ने किया। बताया गया कि तीन आरोपी राजू द्विवेदी, पदम शुक्ला और विक्रमजीत सिंह ने अधिवक्ता के माध्यम से विशेष न्यायालय में जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। विशेष न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के लिए 24 अक्टूबर की तारीख तय की थी।

अधिवक्ता ने दिया ये तर्क
आरोपी विक्रम की ओर से अधिवक्ता ने तर्क दिया कि विक्रम के खिलाफ प्रत्यक्ष कोई भी साक्ष्य नहीं। उसने दोनों मासूमों का अपहरण भी नहीं किया। उसके ऊपर अपहरण के बाद बच्चों को छिपाने में सहयोग के आरोप हैं। एडीपीओ ने अधिवक्ता के तर्क का विरोध किया। कहा, पहली बार किया गया अपहरण भी अपराध है। अपहृत मासूमों को दूसरे स्थान पर छिपाकर ले जाना भी निरंतर अपराध की श्रेणी में आता है। आरोपी ने मुख्य अभियुक्तों का इसमें पूरा साथ दिया है। एेसे में यह कहना कि प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं है, गलत है।

जमानत का लाभ देना उचित नहीं
जबकि विक्रम ने ही मासूमों को चित्रकूट से अर्तरा शिफ्ट कराया था। चित्रकूट में जिस घर में वह रहता था, वारदात में प्रयुक्त वाहन भी वहीं से बरामद किए गए हैं। एडीपीओ ने तर्क दिया कि ऐसे में जमानत का लाभ देना उचित नहीं होगा। आरोपी राजू द्विवेदी और पदम शुक्ला की ओर से अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि अदालत में मामले का ट्रायल लम्बा चलेगा। दोनों आरोपियों के खिलाफ अपराध भी प्रमाणित नहीं हुआ है।

यह अपराध गंभीर श्रेणी का है
ऐसे में बिना अपराध प्रमाणित हुए आरोपियों को जेल में रखने उचित नहीं होगा। लेकिन, एडीपीओ ने कोर्ट के समक्ष तर्क दिया कि यह अपराध गंभीर श्रेणी का है। आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। आरोपियों को जमानत का लाभ देने का विरोध किया। विशेष न्यायालय ने दोनों पक्षों के तर्क पर विचार करते हुए तीनों आरोपियों को जमानत देने से इंकार कर दिया।

ये हैं पांच आरोपी
पुलिस ने मामले के छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें पदम शुक्ला पिता रामकर्ण, आलोक उर्फ लकी तोमर पिता सत्येंद्र सिंह, विक्रम सिंह पिता प्रहलाद सिंह, राजू द्विवेदी पिता राकेश, अपूर्व यादव पिता रामनरेश यादव और रामकेश यादव शामिल थे। इनमें से रामकेश ने सेंट्रल जेल में फांसी के फंदे में झूलकर आत्महत्या कर ली थी। पांच आरोपियों के खिलाफ विशेष कोर्ट में ट्रायल चल रहा है।

एक की याचिका पहले ही हो चुकी है खारिज
मामले के एक आरोपी अपूर्व यादव ने भी विशेष कोर्ट में 20 मई को जमानत के लिए आवेदन दिया था। तब भी कोर्ट ने मामले को गंभीर, जघन्य बताते हुए आरोपी को जमानत देने से इंकार कर दिया था।