
कृषि कर्ज था 45000, किसान को थमा दिया 86429 का प्रमाण पत्र
सतना. सेवा सहकारी समिति अबेर में जय किसान ऋण माफी योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। समिति से जुड़े किसानों ने कर्ज की जो राशि जमा कर दी थी। समिति प्रबंधक ने जमा राशि को बकाया कर्ज में जोड़ते हुए किसानों का कर्ज माफ करा लाखों रुपए का गवन किया है। समिति प्रबंध द्वारा किए गए फर्जीवाडे़ की पोल खुली जब किसानों को सरकार द्वारा ऋणमाफी प्रमाण पत्र वितरित किए गए। प्रमाण पत्र में बकाया कर्ज से अधिक राशि मांफ किए जाने से हैरान किसानों ने जब इसकी शिकायत समिति प्रबंधक से की तो उसने गोलमोज जवाब देते हुए कहा की आप का पूरा कर्ज माफ हो गया है। प्रमाण पत्र में क्या लिखा है इससे आप लोगों का कोई सारोकार नहीं है।
समिति प्रबंधक भूपेन्द्र सिंह द्वारा किसानों द्वारा जमा की गई राशि हड़पने की शिकायत पीडि़त किसान शारदा सिंह ने कलेक्टर से करते हुए मामले की जांच कराने की गुजार लगाई है। शारदा सिंह ने बताया की 2017 की स्थित में मेरे द्वारा लिया गया कुल कर 75000 रुपए था। इसमें से 30000 रुपए किसान द्वारा नगद जमा कर दिए गए थी। जिसकी रसीद प्रबंध द्वारा दी गई थी। राशि जमा करने के बाद मार्च 2018 की स्थिति में किसान का कुल कर्ज 45000 रुपए बाकी थी। लेकिन किसान को जो ऋणमाफी प्रमाण पत्र मिला उसमें 86429 रुपए कर्ज माफ होना दिखाया गया है। जो वास्तविक कर्ज से 41429 रुपए अधिक है।
प्रबंधक ने एेसे किया फर्जीवाड़ा
अबेर समिति से जुड़े किसानों का कहना है कि वर्ष 2017 में जिल किसानों ने समिति का कर्ज जमा कर दिया था। उस राशि को समिति प्रबंधक ने खाते में दर्ज न करते हुए स्वयं उपयोग कर लिया और किसानों का पूरा कर्ज दिखते हुए कर्ज माफ करा दिया। इससे एक ओर जहां समिति में फर्जी कर्जमाफी होने से सरकार को लाखों रुपए की चपत लगी है। वहीं समिति प्रबंधक ने किसानों की राशि हड़पकर लाखों रुपए डकार लिए हैं।
जांच हुई तो गर्दन फंसना तय
सहकारी समिति से कर्ज लेने वाले किसानों का दावा है कि समिति प्रबंधक ने कर्जमाफी में फर्जीबाड़ा कर सरकार को 10 लाख रुपए से अधिक की चतप लगाई है। यदि जिला प्रशासन समिति प्रबंध के इस कारनामे की जांच करे लाखों रुपए के वित्तीय गवन का खुलासा हो सकता है।
Published on:
09 Jul 2019 01:08 am
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