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सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिले में उस समय हड़कंप मच गया, जब रामनगर थाना क्षेत्र में शोले फिल्म का वाक्या सामने आया। बताया गया कि पॉवर ग्रिड के तानाशाही रवैये से खिन्न होकर किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए 100 फुट की ऊंचाई वाले टॉवर में चढ़ गया। टॉवर में चढऩे के बाद किसान कूदकर जान देने की धमकी दी है।
आसपास के ग्रामीणों ने आनन-फानन में पुलिस-प्रशासन को सूचना दी है। जैसे ही प्रशासन के पास बात पहुंची तो सभी अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए। तुरंत रामनगर पुलिस को सूचना देकर मौके के लिए रवाना किया गया है। पीडि़त किसान को समझाइश देने का सिलसिला जारी है। फिर भी किसान अधूर आश्वासन को मानने के लिए तैयार नहीं है।
ये है मामला
मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार की सुबह करीब 10 बजे द्वारिका पटेल निवासी बटैया तहसील रामनगर पॉवर ग्रिड के तानाशाही रवैये से परेशान होकर ऐसा किया हैै। जैसे ही टॉवर में 100 फुट ऊचाई पर किसान के चढऩे की बात सामने आई तो पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। सूचना के बाद थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर किसान को समझाइश दे रही है। इधर, पॉवर ग्रिड कापोर्रेशन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे है।
क्या है किसानों की मांग
बता दें कि, सतना जिला अंतर्गत वर्ष 2015 में पॉवर ग्रिड कापोर्रेशन इंडिया लिमिटेड ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा चमराडोल, बटैया सहित रामनगर क्षेत्र में 765 केव्ही लाइन का निर्माण किया गया था। जिस पर दो सैकड़ों तथा चार पांच प्रभवित ग्रामों के किसानों का मुआवजा वितरण बारह लाख प्रति टावर तीन हजार वर्ग मीटर तार के हिंसाब से किया गया था। शेष सतना जिले के प्रभवित ग्राम के कृषकों का आज दिनांक तक मुआवजे का वितरण नहीं किया जा रहा। जबकि कृषकों द्वारा निरंतर मुआवजे की मांग की जा रही है।
मैहर-रामनगर क्षेत्र के सैकड़ों किसाना प्रभावित
वर्ष 2017 से निर्माणधीन लाइन विंध्यांचल से जबलपुर विंध्याचल पुलिंग फाइव का निर्माण मैहर, रामनगर तहसील अंतर्गत किया जा रहा है। लगभग पांच सैकड़ा किसानों को फसल हानि की राशि दी जा रही है और इतना ही मुआवजा होता है। कहकर किसानों को बरगलाया जा रहा है। जबकि पेड़, मकान, मवेशी सेड, बोर कुआं आदि सभी चीजों के मुआवजा देने का प्रावधान ऊर्जा मंत्रालय के नियमावली में स्पष्ट दिया है।
उल्टा मुकदमा लगाए जा रहे हैं
किसानों द्वारा निर्धारित नियमों पर मुआवजे की मांग किए जाने पर उल्टा मुकदमा लगाए जा रहे हैं। साथ ही पुलिस बल के साथ जबरन किसानों के खेत में टॉवर उच्च दाब की लाइन निकाली जा रही है। जबकि किसानों द्वारा निरंतर आपत्ति पत्र ज्ञापन आवेदन दिए जा रहे है। आज तक लिखित में आदेश पारित नही किया गया जबकि वर्क लाइसेंस रूल 2006 के मुताबिक संबंधित जिलाधिकारी को पावर है।
Published on:
05 Sept 2018 03:28 pm
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