
annapurna devi of Maihar Gharana died at 91 in Mumbai
सतना। मैहर घराने की बेटी पद्म विभूषण अन्नपूर्णा देवी का निधन शनिवार अल सुबह मुंबई में हो गया। वो 91 वर्ष की थीं, विगत दस साल से उनकी तबीयत खराब चल रही थी, गत गुुरुवार को सांस लेने में परेशानी होने के कारण मुंबई के ब्रिज कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उपचार के दौरान शनिवार सुबह उन्होंने 3.20 पर अंतिम सांस ली। इसके बाद मैहर घराने सहित संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
उल्लेखनीय है, अन्नपूर्ण देवी का जन्म 1927 में मैहर घराने के संस्थापक बाबा उस्ताद अलाउद्दीन खान व मदिना बेगम के घर हुआ था। वो बाबा की इकलौती बेटी थीं। लेकिन, उनके तीन भाई बड़े थे, वो चौथी संतान थीं। उनका विवाह पंडित रविशंकर से हुआ था। उनसे एक बेटा शुभेंद्र शंकर थे। जिनका अमेरिका में सड़क हादसे में 1992 में मौत हो गई थी। पंडित रविशंकर से तलाक होने के बाद अन्नपूर्ण देवी ने कंसलटेंट रूषी कुमार पांडेय से विवाह किया था। उनका निधन वर्ष 2013 में हो गया था।
चंद्र सारंग यंत्र की उस्ताद
अन्नपूर्णा देवी को बचपन से वाद्य यंत्रों से लगाव था। अपने पिता व गुुरु बाबा अलाउद्दीन खान के मार्ग दर्शन में कई वाद्य यंत्रों पर महारत हासिल की। लेकिन, उनकी पहचान चंद्र सारंग यंत्र में निपुणता को लेकर थी। उन्होंने अपने सानिध्य में मैहर घराने की परपंरा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
मदिना भवन में स्थापित होगा अस्थि कलश
भतीजे राजेश अली खा ने बताया कि उस्ताद अलाउद्दीन खान की समाधि मैहर के मदिना भवन में है। मैहर घराने के लोगों ने निर्णय लिया है कि अन्नपूर्णा देवी उनकी बेटी थी, लिहाजा उनके अस्थि कलश को मदिना भवन में स्थापित किया जाएगा। इस तरह अंतिम संस्कार मुंबई में होगा, उसके बाद अस्थि कलश मैहर लाया जाएगा।
शिष्य बढ़ा रहे परंपरा
मैहर घराने की परंपरा को शिष्य आगे बढ़ा रहे हैं। अन्नपूर्णा देवी के शिष्य भी मैहर घराने को अलग पहचान दे रहे हैं। इसमें आशीष अली खां, ध्यानेष खां, राजेश अली खां, नित्यानंद हल्दपुर, सुरेश व्यास, हरि प्रसाद चौरसिया, शिव कुमार शर्मा व डीएल काबरा सहित दर्जनों शिष्य हैं।
Published on:
13 Oct 2018 12:31 pm
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