शहर के आसपास फैक्ट्रियां, बड़े-बड़े उद्योगों स्थापित किए गए हैं। हरे-भरे वृक्षों की संख्या तेजी से घटती जा रही है। जिले में प्रदूषण की समस्या तेजी से बढ़ रही है। कम उम्र में ही लोग अस्थमा, दमा जैसी अन्य घातक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। उनका जिला अस्पताल आना-जाना होता है, कम उम्र में लोगों को इन रोगों का शिकार होता देख पीड़ा हुई। पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया। लोगों को जागरुक करने के लिए अपना वैवाहिक समारोह सबसे बढि़या अवसर लगा।
निजाम ने बताया, सागर विवि में खेलने के दौरान गंभीर घायल हो गए। जांघ की हड्डी टूट गयी, पैदल चलना मुश्किल होता है। लेकिन हौसला नहीं हारा, पांच वर्ष पहले परिवर्तन एेजुकेशन ग्रुप बनाया। इसके माध्यम से पढ़ाई छोड़ चुके बेसहारा, दिव्यांग और गरीब वर्ग के बच्चों को तलाश की जाती है। जिन्हें संस्कार, लक्ष्य आधारित शिक्षा देकर समाज की मुख्य धारा से जोडऩे का प्रयास किया जाता है। मेरा सपना और लक्ष्य है, परिवर्तन को एक बड़े विद्यालय का रूप देना है। मुझे यह प्रेरणा अपने पिता कौमी एकता के संवाहक रिटायर प्राचार्य बशीर अहमद कुरैशी से मिली।
निजाम ने बताया, एेजुकेशन ग्रुप परिवर्तन हौसलों की उड़ान की गतिविधियां, पर्यावरण सुरक्षित रखने के संदेश सोशल मीडिया पर पोस्ट करता था। इसे सभी फ्रेन्डस से सराहना मिलती थी। फेसबुक पर कुछ दिनों पहले सलमा से भी बातचीत आरंभ हुई। दोस्ती प्यार में बदल गयी, जिसे दोनों के परिजनों ने भी स्वीकार कर लिया।
निजाम ने बांटे गए वैवाहिक आमंत्रण पत्र में ‘एक पौधा जरूर लगाए और उसकी देखभाल करेÓ के स्लोगन के साथ पर्यावरण सुरक्षित रखने का संदेश दिया है। उन्होंने बताया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निकाह में शामिल होने आमंत्रण दिया गया है।