
balaji mandir try to robbery in chitrakoot
सतना। नाथपंथ की आठ प्रमुख गादी में से एक चित्रकूट के बालाजी मंदिर में हमला किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपियों पर प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस हमले के पीछे यहां की ऐतिहासिक मूर्ति ले जाने सहित मंदिर पर कब्जा करने की साजिश बताई जा रही है। आरोपी इंदौर निवासी बताए जा रहे हैं। एक आरोपी संजय नामजोशी सत्ताधारी दल के बड़े नेता से जुड़ा बताया जा रहा है तथा इंदौर के श्रीनाथ मंदिर का सचिव है।
बिजली के पोल से मंदिर की छत पर चढ़ गए
बताया गया, चित्रकूट (उत्तरप्रदेश कर्वी) के नाथपंथ के प्रमुख मंदिरों में से एक बालाजी मंदिर में शुक्रवार की रात एक बजे के लगभग कुछ लोगों ने हमला कर दिया। मंदिर के पुजारी श्रीराम पाण्डेय ने बताया कि छह की संख्या में लोग मंदिर पहुंचे। पहले इन लोगों ने मंदिर का दरवाजा खुलवाने की कोशिश की। जब दरवाजा नहीं खुला तो सभी बिजली के पोल से मंदिर की छत पर चढ़ गए।
महिला को डराने की कोशिश की
यहां आंगन के जाल से पत्थर फेंककर रात को रखवाली करने वाली महिला सतनिया निषाद (55) को डराने की कोशिश की। इस पर सतनिया ने जब डायल 100 को फोन करने की धमकी चिल्लाकर दी तो आरोपी वहां से भाग निकले। पुलिस को दी गई शिकायत में बताया गया कि आरोपी वाहन एमपी 09 बीए 5868 से भागे हैं।
ये बताए गए आरोपी
पुलिस को दी गई शिकायत में जिन्हें आरोपी बताया गया है उनमें इंदौर से श्रीनाथमंदिर के सचिव संजय नामजोशी, मंगेश भागवत, प्रभाकर आप्टे, मुकेश कुमावत, यशवंत शेगांवकर, मिलिंद विप्रदास शामिल हैं। पुजारी पाण्डेय के अनुसार इन लोगों ने 24 की रात मूर्ति ले जाने में असफल रहने पर 25 को फिर मंदिर आकर पुजारी को धमकाया और मूर्ति ले जाने की कोशिश की। जिस पर मंदिर में मौजूद नाथभक्तों ने इन्हें पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया।
महाराष्ट्र का बताकर गुमराह करने की कोशिश
पहले तो इन लोगों ने खुद को महाराष्ट्र का बताकर गुमराह करने की कोशिश की। पुलिस ने इन सभी पर प्रकरण दर्ज कर लिया है और बांड भरवाकर छोड़ दिया है। बताया गया कि इंदौर निवासी आरोपी के एक सत्ताधारी नेता से करीबी संबंध हैं। उसके प्रभाव में पुलिस इस मामले में सख्त कार्रवाई से बच रही है। पुलिस ने आरोपियों पर भादसं की धारा 147, 336, 506, 379 व 511 के तहत प्रकरण कायम कर जांच शुरू कर दी है।
मूर्ति ले जाने की कोशिश
श्रीराम पाण्डेय ने बताया, यह मंदिर अतिप्राचीन है तथा नाथपंथ का प्रमुख स्थान है। विश्वयोगी स्वामी मच्छिंद्रनाथ के स्वयं स्थापित पीठों में से एक है। इसे नाथपंथ की गादी के रूप में संबोधित किया जाता है। मंदिर में अतिप्राचीन बालाजी की मूर्ति है। उन्होंने आशंका जताई कि ये लोग जबरदस्ती घुसने के लिए धमकाने की कोशिश कर रहे। मूर्ति ले जाने की नियत से यह प्रयास किया गया है।
आक्रोश की बनी स्थिति
घटना से नाथपंथ के लोगों में व्यापक आक्रोश देखा गया है। साथ ही घटना की जानकारी मिलने पर नाथपंथ की अन्य गादी से जुड़े श्रद्धालु नागपुर, पूना, औरंगाबाद, नासिक, अमरावती, धुले, रावेस से चित्रकूट पहुंचने लगे हैं। सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
Published on:
27 Aug 2018 12:45 pm
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