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सतना : भाजपा को बड़ा झटका, रैगांव विधायक स्व. जुगुल के बेटे और पुत्रवधु ने कांग्रेस का दामन थामा

रैगांव की राजनीति के महत्वपूर्ण स्तंभ माने जाने वाले स्व. विधायक जुगुलकिशोर बागरी के बेटे देवराज बागरी और बहू वंदना बागरी ने भाजपा को अलविदा कहते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया है। कमलनाथ के हाथों सदस्यता ग्रहण करने के बाद वंदना ने कहा कि अब की भाजपा पराक्रम की नहीं परिक्रमा करने वालों की रह गई है।

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सतना जिले की रैगांव विधानसभा की राजनीति स्व. विधायक जुगुल किशोर बागरी के इर्द गिर्द लंबे समय से रही आई है। चाहे वे सत्ता में रहे हो या नहीं। लेकिन उनके निधन के बाद उनके राजनीतिक वारिस माने जा रहे उनके अपने बेटों को दरकिनार कर जिस तरीके से जातीय समीकरण के लिए उन्ही के परिवार के अन्य चेहरे को मैदान में उतारा उसी दिन से इस परिवार के मन में भाजपा के प्रति क्लेश तो नजर आने लग गया था। लेकिन सत्ता का दबाव कहें या साहस की कमी उनके दोनों बेटे पुष्पराज और देवराज भाजपा में ही रहकर एक कोने में पड़े रहे। लेकिन अब उनके छोटे बेटे और बहू वंदना ने आखिर इसे अपना अपमान बताते हुए आखिर भाजपा को अलविदा कह दिया और गुरुवार को कमलनाथ के हाथों कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली।

बीजेपी पराक्रम नहीं परिक्रमा वालों की

कांग्रेस का दामन थामने के बाद उपचुनाव में भाजपा की दावेदारी कर चुकी वंदना बागरी ने बड़ा बयान दिया है। पत्रिका से उन्होंने कहा कि पुरानी वाली भाजपा अब नहीं रही। आज की भाजपा पराक्रम की नहीं परिक्रमा करने वालों की है। वहां रहने पर दम घुटता है। अब एक खुली हवा मिली है। उन्होंने कहा विचारधारा का परिवर्तन यूं ही नहीं हो जाता है। जब आपकी तपस्या और मेहनत के परिणामों को दरकिनार कर हाशिए पर डालने की साजिशें रची जाती हैं और जिम्मेदार मूकदर्शक होते हैं तो फिर विश्वास की कड़ी टूटती है। उन्होंने कहा कि नई भाजपा भ्रष्टाचारियों, कमीशनखोरों और चाटुकारों की भाजपा बन कर रह गई है।

वक्त है बदलाव का

जुगुल किशोर के बेटे देवराज बागरी ने कहा कि अब वक्त है बदलाव का। भाजपा ने जिस तरीके से पिता जुगुलकिशोर जी की मेहनत और क्षेत्र के लिए किए गए कार्यों की अनदेखी की उसी दिन से भाजपा से मन उचटने लगा था। जब रैगांव में भाजपा का झंडा पकड़ने वाला कोई नहीं था तब उन्होंने यहां भाजपा खड़ी की और उसे जीत दिलाई। ऐसे में जब कठिन वक्त उनके अपने परिवार पर आया तो भाजपा ने उनका साथ देने के बजाय परिवार से ही राजनीति की। जो पार्टी किसी के बुरे वक्त में साथ न दे उससे अपेक्षा बेमानी है। लिहाजा नई सुबह की शुरुआत अब कांग्रेस के साथ कर रहे हैं।

कोई शर्त नहीं

कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने के बाद देवराज और वंदना बागरी ने कहा कि उनकी कांग्रेस में ज्वाइनिंग बिना शर्त के हुई है। आकांक्षाएं सभी की होती है। अब कांग्रेस को जो उचित लगेगा वह पार्टी का निर्णय होगा। आश्वासन तो कई मिले हैं। अभी तो कांग्रेस के लिए काम करना है।

बढ़ी राजनीतिक हलचल

देवराज और वंदना के कांग्रेस ज्वाइन करने के साथ ही रैगांव की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। लहरों के बवंडर भाजपा और कांग्रेस दोनों में उठने लगे हैं। जहां मौजूदा विधायक खेमा इस बात की गणित लगा रहा है कि चुनाव आते तक कहीं बदलाव की कवायद तो शुरू नहीं होगी वहीं भाजपा खेमे के पैरों तले जमीन खिसक गई है। अब तक गिनती में नहीं माने जाने वाले देवराज और वंदना की जाने के प्रभाव का आकलन शुरू कर दिया गया है। हालांकि यह ऊपर से सब कुछ सामान्य दिख रहा है लेकिन इस बदलाव से समीकरण तो बदलेंगे ही परिणाम भी अलग दिखेंगे।