10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बड़ी खबर: मैहर में उमड़ी भक्तों की आस्था, एक झलक पाने के लिए टूट पड़े लाखों भक्त

नवरात्रि मेला: पांचवें दिन 1.80 लाख भक्तों ने किए दर्शन, छठवें दिन भी सुबह से अच्छी खासी भीड, भक्तों की संख्या बढने से पुलिस को भी करनी पड रही मशक्कत

3 min read
Google source verification
Big News: maihar mandir me kitni sidhi hai maa sharda temple in india

Big News: maihar mandir me kitni sidhi hai maa sharda temple in india

सतना। मैहर शारदेय नवरात्रि मेले के पांचवें दिन भक्तों की आस्था उमड पडी। छठवें दिन भी सुबह से अच्छी खासी भीड देखी जा रही है। बताया गया कि पांचवें दिन करीब 1.80 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। मां शारदा प्रबंधक समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि सुबह 3 बजे से रात तक 12 बजे तक करी 1.80 लाख दर्शनार्थी माता के दरबार में मत्था टेक चुके थे। इसी तरह छठवीं के दिन भी सुबह लंबी कतारें लगी हुई है। इसके पहले बैठकी के दिन 1.50 लाख, दूसरे दिन 90 हजार, तीसरे दिन 1 लाख, चौथे दिन 2 लाख और पंचमी के दिन अब तक तकरीबन 1.80 हजार श्रद्धालु माता के दर्शन कर चुके है।

ये भी पढ़ें: अदृश्य रूप में आता है कोई, करता है मां की आरती, पर दिखाई नहीं देता कभी!

शुक्रवार को छठमी होने के कारण श्रद्धालुओं की भीड़ दोपहर के बाद बढऩे की उम्मीद है। मंदिर प्रशासक एसडीएम सुरेश अग्रवाल ने इसी लिहाज से व्यवस्था चुस्त दुरस्त करने के निर्देश दिए हैं। रोपवे प्रबंधक मुन्ना भैया ने बताया कि पंचमी के बाद मैहर में ज्यादा भीड बढती है। यही वजह है कि त्रिकूट वासनी मां शारदा के दर्शन के लिए ज्यादातर लोग पंचमी के बाद ही आते हैं। शारदेय नवरात्र में माता के दर्शन विशिष्ट फलदाई बताए गए हैं।

मां शारदा की महिमा निराली
मैहर त्रिकूट पर्वत पर विराजमान मां शारदा की महिमा बड़ी ही निराली है। वैसे तो यहां वर्षभर भक्तों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन शारदेय नवरात्रि में दर्शन पूजन का खास महत्व है। मैहर मेले की शुरुआत भी भक्तों ने कुछ इसी तरीके से की और श्रद्धालुओं का सैलाब फूट पड़ा है। मैहर शारदा धाम में अब तक 6 लाख से उपर भक्तों ने माथा टेककर आशीर्वाद लिया। मैहर शारदा धाम में भारत के कई राज्यों से आए हुए भक्तों ने माता के दर पर हाजरी लगाई। लेकिन पहली बार भारी संख्या में युवा वर्ग भी भक्ति के प्रति आस्था दिखाई है। दूर दराज से आए भक्तों ने माता का आशीर्वाद लिया और अपनी खुशहाली की कामना की। माई के दर पर पहुंचने के लिए भक्तों ने सीढिय़ों के साथ-साथ समिति की वैन और रोपवे का भी सहारा लिया।

ये भी पढ़ें: सती के 52 अंगों में माई का हार गिरा था यहां, फिर बाद में हुई थी इस अलौकिक मंदिर की खोज

Patrika IMAGE CREDIT: Patrika

स्टेशन में भी भीड़भाड़
नवरात्रि के चलते मैहर स्टेशन में यात्रियों की खासी भीड़भाड़ रहती है। यात्री प्रतीक्षालय तो ठीक प्लेटफार्म तक में बैठने की जगह नहीं मिलती। ट्रेन पकडऩे की जल्दी इतनी रहती है कि पैदल ओवरब्रिज की बजाय कई यात्री रेललाइन पर चलकर ही एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म तक आते-जाते हैं। हादसे का खतरा बना रहता, सुरक्षा में तैनात जवान भी उन्हें रोकने की हिमाकत नहीं करते।

ये भी पढ़ें: मैहर में फूटा भक्तों का सैलाब, जानिए क्या मिला मंदिर में पुजारी को

मंदिर की स्थापना
मां शारदा की मूर्ति के चरण के नीचे अंकित एक प्राचीन शिलालेख है। जो मूर्ति की प्राचीन प्रमाणिकता की पुष्टि करता है। मैहर के पश्चिम दिशा में त्रिकूट पर्वत पर शारदा देवी व उनके बायीं ओर प्रतिष्ठापित श्रीनरसिंह भगवान की पाषाणमूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा है। बताया जाता है कि लगभग 2000 वर्ष पूर्व विक्रमी संवत् 559 शक 424 चैत्र कृष्ण पक्ष चतुर्दशी, दिन मंगलवार, ईसवी सन् 502 में स्थापित कराई गई थी। मां शारदा की स्थापना तोरमान हूण के शासन काल में राजा नुपुल देव ने कराई थी।

patrika IMAGE CREDIT: patrika

आल्हा तालाब आकर्षण का केन्द्र
मैहर केवल शारदा मंदिर के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि इसके चारों ओर प्राचीन धरोहरें बिखरी पड़ी हैं। मंदिर के ठीक पीछे इतिहास के दो प्रसिद्ध योद्धाओं व देवी भक्त आल्हा-उदल के अखाड़े हैं। यहीं एक तालाब और भव्य मंदिर है, जिसमें अमरत्व का वरदान प्राप्त आल्हा की तलवार उन्ही की विशाल प्रतिमा के हाथ में थमाई गई है।