script

अदृश्य रूप में आता है कोई, करता है मां की आरती, पर दिखाई नहीं देता कभी!

locationसतनाPublished: Sep 28, 2019 05:57:35 pm

Submitted by:

suresh mishra

अदृश्य रूप में आता है कोई, करता है मां की आरती, पर दिखाई नहीं देता कभी!

maihar temple story in hindi: maihar station to maihar devi temple

maihar temple story in hindi: maihar station to maihar devi temple

सतना। देशभर में आस्था का केन्द्र बने मां शारदा मंदिर की अजब कहानी है। कहते है कि पहाड़ा वाली मैहर माता का एक ऐसा रहस्य है जो आज भी वर्करार है। मान्यता है कि यहां दो वीर योद्धा आल्हा और उदल शारदा मां की आरती करने आते है पर कभी दिखाई नहीं देते है। शाम की संध्या आरती होने के बाद जब मंदिर का पट बंद करके पुजारी नीचे आ जाते हैं तब मंदिर के अंदर से घंटी की आवाज सुनाई देती है।
ये भी पढ़ें: Maihar Navratri Mela: मैहर रेलवे स्टेशन में रुकेगी ये गाड़ियां, रेलवे ने दिया अस्थाई स्टॉपेज

कई बार तो पुष्प चढ़े होने के प्रमाण भी मिले है। ये खुद दावा मंदिर के पुजारी देवी प्रसाद ही कर चुके है। आसपास के बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि मैहर वाली माता के भक्त आल्हा-उदल अभी भी पूजा करने आते हैं। अक्सर सुबह की आरती करने का सौभाग्य उन्हीं दो भाईयों को मिलता है। इसीलिए मां शारदा के साथ ही आल्हा-उदल की भक्ति पूरे जगत में चर्चित है।
ये भी पढ़ें: मैहर नवरात्र मेला: देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को मिलेगी बेहतर सुविधा, प्रशासन ने तैयार किया ब्लू प्रिंट

Unique temple of the world: maihar temple story in hindi: maihar station to maihar devi temple
patrika IMAGE CREDIT: patrika
रूकने पर हो जाती है मौत
मध्यप्रदेश के सतना जिला अंतर्गत मैहर के त्रिकूट पर्वत में माता का भव्य मंदिर है। मान्यता है कि सदियों से हर दिन भोर में 2 बजे से 5 बजे के बीच मां शारदा के प्रथम दर्शन करने का सौभाग्य आज भी आल्हा और उदल को ही मिलता है। ये वही आल्हा और उदल है, जिन्होंने पृथ्वीराज चौहान के साथ युद्ध किया था। आल्हा और उदल ने ही सबसे पहले जंगलों के बीच शारदा देवी के इस मंदिर की खोज की थी। आल्हा ने ही 12 वर्षों तक तपस्या कर मां शारदा कोप्रसन्न किया था। माता ने उन्हें अमरत्व का आशीर्वाद दिया था। कहा जाता है कि आल्हा माता को माई कह कर पुकारा करते था। इसीलिए बाद में माई से मैहर नाम हो गया। मंदिर के पीछे पहाड़ों के नीचे एक तालाब है, जिसे आल्हा तालाब कहा जाता है। यही नहीं, तालाब से 2 किलोमीटर और आगे जाने पर एक अखाड़ा मिलता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां आल्हा और उदल कुश्ती लड़ा करते थे।
पत्रिका की बातचीत क्या कहा था पुजारी ने
पत्रिका की बातचीत में मुख्य पुजारी देवी प्रसाद ने बताया कि 52 शक्ति पीठों में मैहर शारदा ही ऐसी देवी जहां अमरता का वरदान मिलता है। मां की कृपा कब किस भक्त पर हो जाए ये कोई नहीं जानता है। हालांकि माता की एक दर्जन दंतक कथाएं सदयुग, द्ववापर, त्रेता एवं कलयुग में सुनाई जा रही है। देवी प्रसाद ने कहा कि हमारी चौथी पीढ़ी माता की सेवा कर रही है। मैट्रिक की पढ़ाई करने के बाद मैं कई बार पुलिस में सेवा करना चाहा लेकिन माता के बुलावा के कारण नहीं कर पाया। सन् 1967 में हमारे पिता ने माता की पूजा-अर्चना करने का अवसर दिया। उस समय त्रिकूट पर्वत पर वीरान जंगल था। मैंने भी कई कथाएं आल्हा-उदल और पृथ्वी राज सिंह चौहान की सुनी थी। मुझे भी लगा की माता ने आल्हा को अमरता का वरदान दिया है।
Unique temple of the world: maihar temple story in hindi: maihar station to maihar devi temple
patrika IMAGE CREDIT: patrika
एक बार हुआ था अहसास
आज भी कई भक्त कहते है कि रोजाना सुबह घोड़े की लीद और दातून पड़ी रहती है। वहीं कई लोग दावा कर रहे है कि माता की रोजाना पहली पूजा आल्हा ही करता है। लेकिन मैं इन सब बातों का दावा नहीं कर सकता। हां 5६ वर्षों की पूजा के दौरान एक बार मुझे एहसास हो चुका है। एक बार मैं पूजा कर घर चला गया। सुबह मंदिर का पट खोलकर पूजा की शुरुआत की तो पहले से ही पुष्प माता के दर पर चढ़े थे। फिर भी मन नहीं माना तो माता की चुनरी को उठाया तो अंदर भी पुष्प दिखाई दिए। तब से हमें भी एहसास हुआ की मां अजर-अमर है। यह जरूर भक्तों को मन चाहा वरदान देती है। देवी प्रसाद ने बताया कि मैहर वाली शारदा की मुझसे पहले पिता जी हमारे दादा-परदादा पूजा कर चुके है।

ट्रेंडिंग वीडियो