जहां बैंक के दो ब्रांचों से प्रकरण से संबंधित दस्तावेज जब्त किए और अधिकारियों से पूछताछ की गई। इसके बाद बैंक से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। अब मामले में बैंक से जुड़ा कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।
पेंशन को नियम विरुद्ध तरीके से आहरित बताया गया, सीबीआई जबलपुर ने 31 दिसंबर 2017 को प्रकरण दर्ज किया। इसमें मैनेजर बादल कुमार पटेल, ऑपरेटर ब्रजेश कुमार तिवारी व अन्य को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई सूत्रों की मानें तो आरोपी मृत पेंशनर्स के पेंशन को नियम विरुद्ध तरीके से आहरित करते थे।
राशि को एटीएम के माध्यम से निकाल लिया इसके लिए वे पेंशन राशि को खाता 20067483694 में ट्रांसफर करते थे। ये खाता सतना इलाहाबाद बैंक के मुख्य ब्रांच में आपरेटर ब्रजेश तिवारी के नाम पर संचालित था। उसके बाद राशि को एटीएम के माध्यम से निकाल लिया जाता था। अब इस मामले में सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120 बी, 420, 468, 471 व 477 ए के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
47 ट्रांजेक्शन से 27.75 लाख का आहरणयह
काम कोई एक बार नहीं किया गया है, बल्कि आरोपियों ने मिलीभगत करते हुए हर माह राशि का आहरण किया। चार साल तक यह सिलसिला चलता रहा। जानकारी के अनुसार मार्च 2011 से अगस्त 2015 तक ये खेल चलता रहा। इस दौरान कुल 47 ट्रांजेक्शन हुए और 27 लाख 75 हजार 5 सौ रुपए पार कर दिए गए।
आधा दर्जन अधिकारियों की फंस सकती है गर्दन
मामले में आधा दर्जन से ज्यादा अधिकारियों की गर्दन फंस सकती है। सीबीआई सूत्रों की मानें तो दो कर्मचारियों को नामजद आरोपी बनाया गया है, जबकि अन्य का नाम जांच के बाद जोड़ा जाएगा। मार्च 2011 से अगस्त 2015 तक ब्रांच में पदस्थ सभी मैनेजर व कर्मचारी की भूमिका की जांच होगी।
तीन ब्रांच जांच के दायरे में
सीबीआई की राडार में इलाहाबाद बैंक की तीन ब्रांच हैं। गुरुवार को सतना पहुंची सीबीआई टीम ने मुख्य ब्रांच सहित सोहावल व कोठी ब्रांच के अधिकारियों से पूछताछ की। साथ ही बड़े पैमाने पर कम्प्यूटर-डाटा व दस्तावेज भी जब्त किए।