
Chitrakoot Twin Murder case investigation details by satna MP police
सतना। चित्रकूट में जुड़वां बच्चों कीअपहरण के बाद हत्या के सभी 6 आरोपियों की शनिवार को पुलिस रिमांड खत्म हो गई। सतना पुलिस ने सभी को विशेष कोर्ट में पेश किया, जहां विशेष न्यायाधीश नत्थूलाल डाबर की कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने का आदेश दिया। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि बच्चे बाहर न जाएं इसलिए आरोपी बच्चों को कमरे में ही मलमूत्र करवाकर डब्बे में भर देते थे को बाहर न जाएं। उल्लेखनीय है कि चित्रकूट के सद्गुुरु स्कूल से 12 फरवरी को जुड़वां बच्चे प्रियांश व श्रेयांश का अपहरण हुआ और १३ दिन बाद बच्चों के शव नदी में बरामद हुए।
डिब्बे में छुपाकर रखते थे मल मूत्र
आरोपी बच्चों को किसी भी स्थिति में छुपाए गए स्थान से बाहर जाने नहीं देना चाहते थे। वे कमरे में ही बच्चों को रखते थे। स्थिति यह थी नित्य क्रिया के लिए भी बच्चों को बाहर नहीं निकाला जाता था। इससे बचने के लिए आरोपी बच्चों के मल-मूत्र को डिब्बे में भरकर छुपा देते थे। मौका-ए-वारदात पर पुलिस ने ऐसे डिब्बे बरामद किए हैं।
एप से करते थे इंटरनेट कॉलिंग
आरोपी अपहरण के बाद मासूम के परिजनों से बात करने के लिए अपना मोबाइल उपयोग नहीं कर रहे थे। लकी ने इंटरनेट कालिंग के लिए एप डाउनलोड कर रखा था। इसके माध्यम से बात कर परिजनों से फिरौती मांगी जाती थी। मासूमों की हत्या के बाद लकी ने मोबाइल को छिपाकर रख दिया। पूछताछ में भी मोबाइल फेंक देना बता रहा था, लेकिन पुलिस ने सख्ती बरती तो सच्चाई उगल दी। उसकी निशानदेही पर मोबाइल भी बरामद किया गया।
वाइस की हुई सैंपलिंग
फिरौती मांगने के दौरान परिजनों ने आरोपियों की आवाज रिकार्ड की गई थी। अब पुष्टि के लिए आरोपियों की आवाज की सैंपलिंग की गई। आवाज के सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए। इसके पहले न्यायालय से सैंपलिंग की अनुमति ली गयी थी।
डीएनए मिलान के लिए सैंपल
पुलिस पूरे मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। तकनीकी रूप से साक्ष्य जुटाने के लिए मृत बच्चों व माता पिता के डीएनए से मिलान करने का निर्णय लिया गया है। वहीं पुलिस ने अतर्रा से बच्चों के मल-मूत्र को बरामद किया है। डीएनए से पुलिस साबित करना चाहती है कि संबंधित जगह बच्चों को अपहरणकर्ताओं ने रखा था। इसके लिए पुलिस ने शनिवार को मां बबिता व पिता ब्रजेश रावत के ब्लड सैंपल भी लिए, जिसे जांच के लिए भेजा जाना है।
जला दिए थे मासूमों के जूते-कपड़े
आरोपी राजू द्विवेदी और पदम से पुलिस ने पूछा कि दोनों बच्चे के कपड़े, जूते सहित अन्य सामग्री कहां है। इस पर आरोपियों ने पहले कहा कि हमें कुछ पता नहीं है, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो दोनों टूट गए। उन्होंने बताया कि मासूमों की हत्या करने के बाद कुछ ही दूरी पर कपड़े जला दिए थे। पुलिस ने आरोपियों के बताए स्थान पर कपड़े व जूतों के जले हुए अंश जब्त किए हैं।
बच्चों को खिला रहे कुरकुरे
चित्रकूट के बाद मासूमों को अर्तरा के एक मकान में रखा गया। जहां आरोपियों ने जमकर शराब पी और बच्चों को कुरकुरे खाने को देता था। पुलिस ने मकान से कुरकु रे के खाली पैकट, शराब की खाली बोतल, सिगरेट, गुटके के खाली पैकट, डिस्पोजल सहित अन्य सामग्री बरामद की। जब्त सामग्री को जांच के लिए डीएनए जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया।
ये है आरोपी
पुलिस ने आरोपी पदम शुक्ला (25) पिता रामकरण शुक्ला निवासी रघुवीर मंदिर के पास जानकीकुंड थाना नयागांव, आलोक उर्फ लकी तोमर (19) पिता सत्येंद्र निवासी तेंदुरा थाना भिसंडा जिला बांदा, विक्रम सिंह (23) पिता प्रहलाद सिंह निवासी मवाना पीएस जगुई बिहार, राजू द्विवेदी (23) पिता राकेश निवासी भभुआ थाना मरका जिला बांदा, रामकेश यादव (26) पिता रामचरण निवासी छहराय जिला बांदा, अपूर्ण यादव (24) पिता रामनरेश निवासी गुरदहा जिला हमीरपुर को जेल भेज दिया।
Published on:
03 Mar 2019 06:02 pm
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