
Every district will have its own biodiversity register
सतना. प्रदेश सरकार जैव विविधता को लेकर काफी गंभीर है। इस मामले में निर्णय लिया गया है कि हर जनपद का अपना जैव विविधता रजिस्टर होगा। साथ ही जनपद स्तर पर जैव विविधता प्लान तैयार किया जाएगा। इसके लिये सरकारी और निजी महाविद्यालयों का अमला भी सहयोग करेगा। इसके लिये महाविद्यालयों को वित्तीय मदद भी की जाएगी।
मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड ने सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को बताया है कि सभी जनपद पंचायत स्तर पर लोक जैव विविधता पंजी का निर्माण किया जाना है। जैव विविधता अधिनियम 2002 की धारा 41 एवं मध्यप्रदेश जैव विविधता नियम के तहत स्थानीय निकाय स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन समितियों का गठन किया जाना है। यह प्रक्रिया प्रारंभ भी हो चुकी है। साथ ही इन निकायों की लोक जैव विविधता पंजी का भी निर्माण किया जाएगा। यह कार्य सभी जनपद पंचायत स्तर पर शासकीय और निजी महाविद्यालयों के सहयोग से किया जाना है। जिसकी अनुमति आयुक्त उच्च शिक्षा ने दे दी है।
यह करेंगे महाविद्यालय
बताया गया है कि जिले के महाविद्यालय जहां जैव विविधता विषय के विशेषज्ञ अथवा प्राध्यापक पदस्थ हैं उन महाविद्यालयों को लोक जैव विविधता पंजी निर्माण के लिये लघु परियोजना प्रस्ताव बोर्ड को १५ जनवरी तक देना होगा। इसके लिये महाविद्यालयों को अधिकतम एक लाख रुपये तक का सहयोग प्रदान किया जाएगा।
इस तरह सहयोग करेंगे महाविद्यालय
आयुक्त उच्च शिक्षा ने बताया है कि लोक जैव विविधता पंजी निर्माण में सहयोग के लिये शैक्षणिक अमले का महाविद्यालय में नियमित दैनिक शिक्षण व प्रायोगिक कार्य व अन्य गैर शैक्षणिक कार्य प्रभावित नहीं होना चाहिए। इस कार्य के लिये शिक्षकों को किसी प्रकार का अवकाश नहीं दिया जाएगा। न ही किसी प्रकार के व्यय की प्रतिपूर्ति की जाएगी। वनस्पति व जन्तु विज्ञान विषय के शिक्षक के लिये यह कार्य पूर्णतया स्वैच्छिक होगा तथा जिन महाविद्यालयों में इन विषयों में एक से अधिक शिक्षक पदस्थ हैं उन्ही शिक्षकों का सहयोग इस कार्य के लिये प्रदान किया जाएगा।
जनपद मे गठित होगी कमेटी
जैव विविधता पंजी और प्लान के लिये हर जनपद में एक कमेटी गठित की जाएगी। इसमें शासकीय और अशासकीय सदस्यों की कमेटी गठित की जाएगी। यह कमेटी प्लान बनाने में मदद करेगी।
पंजी में दर्ज होगी पूरी जानकारी
जो भी पंजी तैयार होगी उसमें प्रोजेक्ट से जुड़ी सभी जानकारी दी जाएगी। इस प्लान को तैयार करने वाले सभी विभागों का ब्यौरा होगा। प्रोजेक्ट एरिया का पूरा ब्यौरा होगा। इसके लिये बोर्ड ने अपने यहां के तकनीकि विशेषज्ञ भी नियुक्त किये हैं। जो हर जिले में प्रोजेक्ट तैयार करने में मदद करेंगे। सतना जिले का काम डॉ गौरव सिंह को दिया गया है।
Published on:
14 Jan 2020 02:07 am
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