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सतना में नंबर प्लेट के नाम पर वसूली, गांवों में बिहार-यूपी की गैंग सक्रिय

दुस्साहस: कलेक्टर कार्यालय, जनपद कार्यालय के पत्रों के आधार पर हो रही वसूली कमिश्नर रीवा के आदेश का हवाला देकर जारी किए जा रहे अवैध वसूली के पत्र

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collector satna

सतना। मैहर जिले के हाइवे पर रोड सुरक्षा के नाम पर स्टीकर चिपका कर लाखों की वसूली की जा रही थी। प्रदेश स्तर से इस मामले को संज्ञान लिए जाने के बाद पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई हुई थी। अब सतना जिले में बिहार और उत्तर प्रदेश की गैंग गांवों में सक्रिय हो गई है। इनके द्वारा घरों में एक नंबर प्लेट लगाने के नाम पर 50 रुपए वसूले जा रहे हैं। इसके लिए गैंग ने कलेक्टर कार्यालय, जनपद कार्यालय उचेहरा और महिला बाल विकास विभाग के परियोजना कार्यालय से बकायदे पत्र भी जारी किया गया है। यह स्थिति तब है जब शासन स्तर से दो साल पहले इस तरह के पत्र जारी करने पर रोक लगाने के निर्देश जारी हो चुके हैं। आरोप है कि इस पत्र के एवज में अधिकारियों को भी लाभ हुआ है।

अवैधानिक हैं ये सभी पत्र

गैंग द्वारा गांवों में सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के नाम पर अधिकारियों से पत्र जारी करवाए गए हैं। इसके बाद गांवों में इन पत्रों के हवाले मैदानी अमले के साथ घर-घर अवैध वसूली की जा रही है। 5 से 10 रुपए की एक नंबर प्लेट देकर ग्रामीणों से 50 रुपए की वसूली की जा रही है। जो ग्रामीण नंबर प्लेट नहीं लगवाता है उसे योजना के लाभ से वंचित करने की धमकी भी दी जा रही है। बुधवार को यह गैंग उचेहरा जनपद की विभिन्न ग्राम पंचायतों में वसूली करने पहुंची।

इन अधिकारियों से जारी करवाए गए पत्र

कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट जिला सतना के लेटर हेड पर डिप्टी कलेक्टर हेतु कलेक्टर जिला सतना के नाम से पत्र जारी करवाया गया है। इसी तरह कार्यालय जनपद पंचायत उचेहरा जिला सतना के लेटर हेड पर जनपद सीईओ उचेहरा से पत्र जारी करवाया गया है। कार्यालय परियोजना अधिकारी बाल विकास परियोजना उचेहरा कार्यालय जिला सतना के लेटर हेड पर परियोजना अधिकारी उचेहरा के नाम से पत्र जारी करवाया गया है। इसमें सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओ के लिए जागरुकता और प्रचार प्रसार के नाम पर नंबर प्लेट लगाने कहा गया है। इसके लिए 50 रुपए की राशि निर्धारित की गई है। यह पत्र प्रवीण कुमार श्रीवास्तव जिला कैमूल भभुआ के पक्ष में जारी किया गया है।

"मामला संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा आदेश जारी हुआ है, तो उसे निरस्त करवाया जाएगा।" - डॉ सतीश कुमार एस, कलेक्टर