20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

3 किसान बिजली टावर पर चढ़े, दिनभर दी कूद जाने की धमकी, फिर भी प्रशासन कर रहा नजरअंदाज

मुआवजे की मांग: बटइया गांव में चला हाइवोल्टेज ड्रामा, सुबह 9:30 बजे चढ़े किसान पूरी रात तक नहीं उतरे, बोले-उतरेंगे तो पुलिस पकड़ लेगी

2 min read
Google source verification
farmers climbing on Electric tower in satna

farmers climbing on Electric tower in satna

सतना। रामनगर के बटइया गांव में एक बार फिर किसान टावर पर चढ़कर जमीन में छलांग लगाने की धमकी दे रहे हैं। कुछ ऐसा ही ड्रामा मंगलवार को हुआ। सुबह करीब 9:30 बजे 70 फीट ऊंचे टावर पर चढ़े तीन किसान पूरी रात नीचे नहीं उतरे। रात होने के बाद ग्रामीणों ने किसानों से नीचे उतरने की गुहार लगाई पर वे नहीं उतरे। इसके बाद कुछ लोग टावर के नीचे बैठकर तीनों की निगरानी करते रहे। किसानों का आरोप है कि टावर खड़े होने व ऊपर से तार जाने के चलते उनकी जमीन बर्बाद हो गई है।

पर कंपनी नुकसानी का पूरा मुआवजा देने की बजाय विरोध करने वालों के खिलाफ ही पुलिस में शिकायत कर रही है। बताया गया कि टावर पर चढ़े किसानों में वह किसान द्वारिका पटेल भी शामिल है जिसने 5 सितम्बर को 6 घंटे तक 70 फीट की उंचाई पर चढ़कर आत्महत्या की चेतावनी दी थी। जानकारी के मुताबिक टावर पर चढऩे वाले अन्य दो किसानों के नाम चिंतामणि पटेल उर्फ ब्युहर और लोली यादव बताए जा रहे हैं।

मुआजवा दो लाख का बना, थमाए सिर्फ 34 हजार !
बताया गया कि द्वारिका पटेल के खेत के ऊपर से पावरग्रिड की तार गई है। एक लाख 80 हजार रुपए मुआवजा मिल चुका है। लेकिन उसका कहना है कि कुआं, मकान व पेड़ की राशि निर्धारित नहीं की गई। दूसरे किसान का कहना है कि कंपनी ने उसकी जमीन में टावर लगाकर महज 34 हजार रुपए बतौर मुआवजा दिया है, जबकि निर्धारण एक लाख 96 हजार रुपए का हुआ था। तीसरे किसान लोली यादव का कहना है कि जमीन के ऊपर से जबरन तार डाली जा रही है। इंदारा व खेत बर्बाद हो गया और मुआवजे में सिर्फ 3 हजार मिले। तीनों किसानों का कहना है कि उनकी फरियाद कहीं नहीं सुनी जा रही।

शाम को पहुंचे टीआइ, एक घंटे बाद वापस
तीनों किसान सुबह से ही टॉवर पर चढ़कर नीचे कूदने की धमकी दे रहे थे। खबर लिखे जाने तक तीनों ऊपर ही चढ़े हैं पर मौके पर न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी और न ही पॉवरग्रिड कंपनी का कोई प्रतिनिधि किसानों से बात करने पहुंचा। शाम करीब 6 बजे रामनगर टीआइ सतीश मिश्रा बटइया पहुंचे और तीनों किसानों से हाथ जोड़कर नीचे उतर आने का आग्रह किया। टीआइ ने करीब एक घंटे तक ऊपर चढ़े किसानों को समझाया लेकिन वे नहीं माने। किसानों को नीचे नहीं उतरता देख टीआइ मिश्रा चले गए। टॉवर पर चढ़े किसानों का कहना है कि यदि नीचे उतरेंगे तो टीआइ थाने में बंद कर देंगे।

मुआवजा दिए बगैर चालू करा दिया काम
5 सितम्बर को बटइया में 70 फीट की उंचाई पर टावर पर चढ़े किसान द्वारिका पटेल का आरोप है कि पावरग्रिड के मैनेजर ने झूठा आश्वासन देकर नीचे उतारा था। किसान का कहना है कि मैनेजर ने लिखित में दिया था कि उसके कुआं, मकान व पेड़ों का मुआवजा दिए बगैर तार नहीं खींची जाएगी लेकिन अगले दिन से ही काम शुरू करा दिया। मुआवजा के लिए यहां-वहां भटका। जब कंपनी प्रबंधन ने नहीं सुनी तो मजबूरी में फिर से टावर पर चढऩा पड़ा।